Bihar Bridge Collapse: बिहार में पुल गिरने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला पूर्वी चंपारण जिले का है. यहां शनिवार देर शाम मधुबन प्रखंड के लोहारगांवा गांव में पबनी आरसीसी पुलिया भरभराकर गिर पड़ी. यह पुलिया मात्र चार साल पहले बनाई गई थी. जानकारी के मुताबिक, इसके निर्माण में करीब 2 लाख रुपए की लागत आई थी. पुलिया के गिरने से लोहारगांव ग्राम के सहनी टोला और अनुसूचित जाति टोला का संपर्क टूट गया. बता दें कि बीते 20 दिनों में बिहार में 13 पुल गिर चुके हैं.
3 जुलाई को गिरे 4 पुल
पिछले हफ्ते 3 जुलाई को एक साथ 4 पुल गिर गए थे.पहला मामला देवरिया पंचायत के पराईन टोला का है, जहां दारौंदा प्रखंड अंतर्गत देवरिया और भीखा बांध गांव की सीमा पर गंडकी नदी पर बना हुआ पुल ध्वस्त हुआ है. वहीं तेवथा पंचायत में नौतन और सिकंदरपुर गांव के बीच गंडकी नदी पर बना पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया. तीसरी घटना टेघड़ा पंचायात की है, जहां टेघड़ा और तेवथा पंचायत को जोड़ने वाली धमई नदी पर बना पुल धंस गया है.
इसी नदी पर बना एक और पुल गिरा
इसके पहले 22 जून को भी गंडकी नदी पर बना एक और पुल गिर गया था. 22 जून की सुबह पुल का एक पाया धंसना शुरु हुआ और देखते ही देखते पुल पूरी तरह धराशायी हो गया. जानकारी के मुताबिक, यह पुल महाराजगंज प्रखंड के पटेढा बाजार और दरौंदा प्रखंड के रामगढ़ पंचायत को जोड़ती थी. पुल गिर जाने से दोनों गावों के बीच आवागमन बाधित हो गया.
तेजस्वी यादव ने कसा तंज
पुलों के ध्वस्त होने को लेकर बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर रविवार को कहा, “बिहार के पूर्वी चंपारण में आज फिर एक पुल और गिरा। सरकार थोड़े गिरी है जो खबर बनेगी? बीते 19 दिनों में यह 13वाँ भ्रष्टाचारी पुल गिरा है। पुलिया, सड़क और बाँध टूटने एवं धँसने के तो मामले अनगिनत है.”
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