चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) में हुई कथित धांधली देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने इस चुनाव को लोकतंत्र का मजाक करार दिया है. बता दें कि 30 जनवरी को हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अदालत का रुख़ किया था.
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का आरोप है कि इस चुनाव में पीठासीन अधिकारी ने धांधली की और संख्या बल ना होने के बावजूद भी बीजेपी की जीत का एलान किया.आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने पहले पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट का रुख़ किया था, जहाँ से राहत ना मिलने पर वो सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. जहां सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव करवाने वाले पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को भी कड़ी फटकार लगाई है.
सोमवार (05) फरवरी को चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड ने कहा कि यह लोकतंत्र का मज़ाक है. जो हुआ, हम उससे हैरान हैं. हम लोकतंत्र की इस तरह से हत्या नहीं होने दे सकते. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में धांधली मामले में चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम को भी नोटिस जारी किया है.
मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ हुई: SC
चुनाव के दिन का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.चुनाव प्रक्रिया के दौरान के जो वीडियो सामने आए थे, उनमें देखा जा सकता है कि पीठासीन अधिकारी मतपत्रों पर हस्ताक्षर करते या कुछ लिखते हुए दिख रहे हैं. डीवाई चंद्रचूड़ ने वीडियो देखने के बाद पीठासीन अधिकारी के बारे में कहा कि ये साफ़ है कि मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ हुई है. क्या इस तरह से चुनाव करवाए जाते हैं? इस आदमी पर मुक़दमा चलना चाहिए. ये कैमरे की ओर क्यों देख रहे हैं और फिर किसी भगोड़े की तरह भाग क्यों रहे हैं?”