Kandahar Hijack

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Kandahar Hijack Story: डायरेक्टर अनुभव सिन्हा की नेटफ्लिक्स सीरीज ‘IC 814: द कंधार हाईजैक’ को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. 29 अगस्त को रिलीज हुई इस वेब सीरीज को बैन करने की मांग शुरु हो गई है. ये बवाल शो में आतंकियों के नाम भोला और शंकर दिखाए जाने को लेकर शुरु हुआ है. इस बीच आपको बताते हैं कंधार हाईजैक की असली कहानी.

कंधार हाईजैक में क्या हुआ? (Kandahar Hijack)

दिन था 24 दिसंबर 1999, जब काठमांडू से दिल्ली जाने वाली IC814 फ्लाइट हाईजैक कर अफगानिस्तान ले जाया गया था. फ्लाइट में 176 यात्री सवार थे. इसे हरकत-उल-मुजाहिद्दीन के 5 आतंकवादियों ने हाईजैक किया था. विमान को काठमांडू से हाईजैक कर कंधार ले जाया गया था. इस बीच विमान को ईंधन भरने के लिए दुबई एयरपोर्ट पर रोका गया, जहां 28 यात्रियों को उतारा गया. इनमें ज्यादातर बच्चे और महिलाएं शामिल थीं.

आतंकियों की रिहाई की मांग

विमान (Kandahar Hijack) पर सवार लोगों को छोड़ने के बदले हाईजैकर्स ने हिंदुस्तान की सरकार ने 3 आतंकवादियों को रिहा करने की मांग की थी. यह तीन आतंकी मसूद अज़हर, अहमद ओमर सईद और मुश्ताक़ अहमद ज़रगर थे, जिनको कांग्रेस की सरकार के दौरान पकड़ा गया था. हाईजैक के दौरान भारत में एनडीए की सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधा्नमंत्री थे. हाईजैकर्स की मांग को बीजेपी सरकार ने मान लिया और इन तीन ख़तरनाक आतंकवादियों को कंधार में रिहा किया.

गौरतलब है कि कंधार पहुंचने से पहले यह फ्लाइट पंजाब में 45 मिनट तक रुकी थी. यहां पर भी बीजेपी के घटक दल की सरकार थी. यहां भी बीजेपी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की और फ्लाइट आसानी से कंधार पहुंच गई.

आतंकियों ने बदले थे नाम

भारत सरकार के दस्तावेज़ों में उल्लेख है कि 7 दिन तक चली इस हाईजैकिंग (Kandahar Hijack) में यह आतंकी एक दूसरे को कोड नाम से बुलाते थे – चीफ, डॉक्टर, बर्गर, भोला और शंकर. जाँच के बाद पता चला कि इनके असली नाम इब्राहिम अथर, शाहिद अख़्तर सईद,सनी अहमद क़ाज़ी, ज़हूर मिस्त्री और शाकिर था और यह सब पाकिस्तान के रहने वाले थे.

रिहा होने के बाद आतंकियों ने किए कई हमले

भारतीय जेलों से रिहा होने के बाद उन तीन आतंकवादियों और उनके आतंकी संगठनों ने भारत में कई बड़े हमलों को अंजाम दिया. इन आतंकियों ने 2001 में संसद पर हमला किया, 2002 में पत्रकार डैनियल पर्ल को अगवा कर उनकी हत्या की, 2008 में मुंबई पर हमला किया, 2016 में पठानकोट पर हमला किया और 2019 में पुलवामा के जघन्य आतंकी हमले को अंजाम दिया.


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