Uttar Pradesh
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Uttar Pradesh में वक्फ कानून के खिलाफ अगर कोई मुसलमान प्रदर्शन करने का सोचे भी तो उसे 2-2 लाख रुपये का बांड भरने को कह दिया जा रहा है. योगी सरकार की पुलिस उसे घरों से उठा रही है, उनके खिलाफ नोटिस जारी कर दे रही है.
योगी की पुलिस प्रदेश में संविधान की धज्जियां उड़ा रही है. लोगों को प्रदर्शन करने से रोक रही है. वहीं करणी सेना ने आगरा में तांडव मचाया लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ की पुलिस मूकदर्शक बनी बैठी रही, कुछ ना कर पाई. ये किस तरह का दोहरा रवैया है पता नहीं.
Uttar Pradesh में मुसलमानों को प्रदर्शन करने से रोक रही है योगी सरकार
मोदी सरकार जबसे लोकसभा और राज्यसभा में 12-12 घंटे बहस कराकर वक्फ बिल को पास कराई है, तभी से देशभर के मुसलमान सड़क पर उतर आए हैं. गुजरात में मुसलमान सड़क पर उतरे. बंगाल में मुसलमान इस कानून के खिलाफ सड़क पर हैं. बंगाल के मूर्शिदाबाद में तो भयंकर हिंसा भी हुई. जिसमें तीन हिंदूओं की जान चली गई.
वहीं Uttar Pradesh में जब मुसलमानों ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाह रहे हैं वक्फ कानून के खिलाफ तो उन्हें साफ तौर पर मना कर दिया गया. उन्हें बुलडोजर एक्शन का डर दिखाया गया.
मुसलमानों के खिलाफ योगी सरकार का असंवैधानिक रवैया
जब इससे भी Uttar Pradesh के मुसलमान डरे नहीं तो उनके खिलाफ लाखों के बॉन्ड जारी कर दिए गए और दबाव बनाया गया कि इसे भरो. दरअसल, यूपी पुलिस के ही मुताबिक 4 अप्रैल को मुजफ्फरनगर में नमाज के दौरान वक्फ संशोधन बिल जो अब कानून बन चुका है, उसके खिलाफ मुसलमान काले बैज पहनकर सड़क पर उतरे.
लेकिन योगी की पुलिस ने 300 लोगों को नोटिस जारी कर दिए और उनसे 2-2 लाख रुपये का बांड भरने को कहा. मतलब कोई भी मुसलमान Uttar Pradesh में वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन नहीं कर सकता है.
करणी सेना के तांडव के बावजूद योगी की पुलिस चुप रही
वहीं 12 अप्रैल को करणी सेना ने Uttar Pradesh के आगरा में क्या तांडव मचाया है, लेकिन मजाल है कि योगी की पुलिस करणी सेना के एक बी सदस्य के खिलाफ नोटिस जारी करे, मजाल है कि उनसे एक भी रूपये का बॉन्ड भरने को कहे. नाह ये कैसे हो सकता है, क्योंकि योगी सरकार के हिसाब से तो मुसलमान ही दंगाई हैं… मुसलमान ही दंगा भड़काने वाला काम करते हैं.
राणा सांगा की जयंती के अवसर पर करणी सेना ने लहराई थी तलवारें
राणा सांगा की जयंती के अवसर पर आगरा के कुबेरपुर मैदान में एक सम्मेलन का आयोजन हुआ. सम्मेलन का नाम था रक्त स्वाभिमान सम्मेलन. इसमें जमकर हंगामा हुआ. करणी सेना के सदस्यों ने जमकर तलवारें लहराई. यह तलवारबाजी और किसी के सामने नहीं Uttar Pradesh की पुलिस के सामने ही की गई.
सपा सांसद ने दिया राणा सांगा के खिलाफ विवादित बयान
करणी सेना ने ये पूरा विवाद सपा सांसद रामजीलाल सुमन के एक बयान को लेकर किया. रामजी लाल सुमन ने कहा था कि राणा सांगा के बुलावे पर ही बाबर भारत आया था और उसने इब्राहिम लोदी को हराया. जिसके बाद करणी सेना के समर्थकों ने Uttar Pradesh के आगरा में स्थित उनके घर पर भी हमला किया था.
सवाल तो एक ही है की एक देश एक संविधान वाला नारा देने वाली इस बीजेपी सरकार के लिए अब कैसे एक देश दो संविधान हो गया. मुसलमानों के लिए अलग और हिंदूओं के लिए अलग. मुसलमान अगर वक्फ कानून के खिलाफ प्रदेश में प्रदर्शन करते हैं तो उनके खिलाफ 2-2 लाख रूपये के बॉन्ड को भरने के लिए नोटिस और करणी सेना के लिए कुछ नहीं.
क्या Uttar Pradesh की योगी सरकार चाहती है कि देश दो धड़े में बंटकर रह जाए. क्या योगी सरकार चाहती है कि राज्य में हमेशा सांप्रदायिक आग जलती रहे. क्योंकि योगी सरकार के काम-काज से तो यही लग रहा है.
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