Covid-19 News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां तीन लोगों के शवों का अंतिम संस्कार एक हज़ार दिन बाद अब जाकर किया गया है. तीनों शव साल 2020 के हैं, जब देश में कोरोना का प्रकोप चरम पर था. इसी दौरान इन तीनों लोगों की भी मौत हुई थी, जिनका अब तक अंतिम संस्कार नहीं हुआ था. और ये सभी शव बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर अस्पताल में लावारिस हालत में पड़े थे और कंकाल में बदल चुके थे.
भूल गया था अस्पताल
प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, पिछले महीने रायपुर के एक अख़बार ने सबसे पहले यह ख़बर छापी थी कि राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में पीपीई किट में तीन लावारिस लोगों के शव हज़ार दिन से भी अधिक समय से पड़े हुए हैं. लेकिन ये नहीं पता चल पाया है कि ये शव महिला के हैं या पुरुष के. इस ख़बर के बाद अस्पताल प्रबंधन को भी इस मामले का ध्यान आया.
अस्पताल प्रशासन ने की लापरवाही
जिसके बाद हड़कंप मच गया. जांच के बाद पता चला कि कोरोना से मौत होने के कारण इन शवों के अंतिम संस्कार के लिए मजिस्ट्रेट की अनुमति आवश्यक थी. इसके लिए मजिस्ट्रेट को अस्पताल प्रबंधन ने चिट्ठियां भी लिखीं लेकिन अनुमति नहीं मिली थीं. ऐसे में अब एक हजार से ज्यादा दिनों के इंतजार के बाद इन लाशों को देवेंद्र नगर स्थित मुक्ति-धाम में अंतिम विदाई दी गई. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा तो यह भी किया जा रहा है कि कोविड के दौरान इनके परिजनों को किसी दूसरे का शव दे दिया गया था.
इसके बाद से ये शव पीपीई किट में रख दिए गए और ये अब यहां पड़े-पड़े सड़ चुके हैं. ख़बर के सामने आने के बाद पीपीई किट को खोला गया, तो उसके भीतर मृतकों से संबंधित जानकारी पर्चे में दर्ज थी. इसी पर्चे से पता चला कि मृतकों में एक महिला थीं. इसके बाद परिजनों की जानकारी एकत्र करके उन्हें सूचित किया गया. जिसके बाद तीनों शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
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