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Train Accident: उत्तर प्रदेश के गोंडा में गुरुवार (18 जुलाई) को डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 10-12 डिब्बे डिरेल हो गई. रिपोर्ट के मुताबिक इसमें 5 लोगों की मौत हो गई है.वहीं 20 से 25 लोग घायल हैं. जिनमें कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है. ऐसे में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. अभी हाल ही में पश्चिम बंगाल में एक भीषण रेल हादसा हुआ था. जिसमें 296 लोग मारे गए थे और 900 लोग घायल हो गए थे. बीते दस सालों में कुल 64 ट्रेन हादसे हुए हैं. जिनमें भीषण हादसों की संख्या 11 है.
गोंडा में हुए हादसे पर कांग्रेस ने जताया दुख
कांग्रेस पार्टी ने यूपी में हुए इस हादसे (Train Accident) पर दुख जताया है. पार्टी में अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “यूपी के गोंडा से एक दुखद खबर आ रही है. चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस पटरी से उतर गई. इस दुखद हादसे में लोगों की मृत्यु और घायल होने की सूचना है. ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति और घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें. कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि राहत और बचाव कार्य में अपना सहयोग दें.”
10 सालों में हुए 64 ट्रेन हादसे (Train Accident)
आंकड़ों की बात करें, तो साल 2014 से 2024 के बीच में कुल 64 रेल हादसे (Train Accident) हुए, जिसमें लगभग 858 लोगों की जान चली गई है और हजारों की संख्या में लोग घायल हुए. हालांकि मोदी सरकार ने इन हादसों को गंभीरता से नहीं लिया है, नतीजन ट्रेन हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं.
टिकट हुए महंगे
भले ही मोदी सरकार ने रेलवे की बदहाली पर ध्यान नहीं दिया है. लेकिन जनता का जेब ढीला करने में कोई कसर नहीं छोड़ा है. हाल के दिनों में ट्रेन के किराए लगातार बढे हैं. वहीं, महंगे टिकट खरीदने के बाद भी यात्री ट्रेन के टॉयलेट में बैठकर सफर करने को मजबूर हैं. बता दें कि भारतीय रेल नेटवर्क विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क कहा जाता है, जो लगभग 65000 हजार किलोमीटर में फैला हुआ है.
लेट चलती हैं ट्रेनें
वैसे तो भारतीय ट्रेनों में कई बड़ी दिक्कतें हैं. जिनमें सबसे बड़ा है ट्रेनों का लेट होना. देश में हर 10 में से 3 ट्रेनें समय पर नहीं चलती हैं. पिछले साल का ही आंकड़ा देखें, तो 2023 में कुल 1.5 लाख ट्रेनें लेट हुईं. कई बार तो यात्री स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करते रह जाते हैं और ट्रेन रद्द हो जाती है. ऐसे में यात्रियों का समय तो बर्बाद होता ही है, उनका पैसा भी बर्बाद होता है. पर प्राइवेट प्लेन में घूमने वाले प्रधानमंत्री मोदी को गरीब जनता की ‘सवारी’ से कोई लेना देना नहीं है.
पिछले 10 सालों में हुए रेल हादसों के आंकड़े (Train Accidents in 10 Years) –
- 2014, 3 हादसे, 49 मौतें
- 2015- 7 हादसे , 113 मौतें
- 2016- 8 हादसे, 155 मौतें
- 2017- 8 हादसे, 67 मौतें
- 2018- 5 हादसे, 71 मौतें
- 2019- 5 हादसे, 7 मौतें
- 2020- 2 हादसे, 19 मौतें
- 2021- 4 हादसे, 2 मौतें
- 2022- 3 हादसे, 9 मौतें
- 2023- 18 हादसे, 349 मौतें
- 2024 (17 जून) तक- 2 हादसे, 17 मौतें
पिछले साल ओडिशा के बालासोर में 2 जून भीषण रेल हादसा (Train Accident) हुआ था. जो मोदी सरकार पर काले धब्बे की तरफ है. इस हादसे में 296 लोग मारे गए और 900 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. इस ट्रेन हादसे के बाद कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार ने पूछा था कि हादसे की जिम्मेदारी किसकी है?
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