देश में अब बस करीब 5 प्रतिशत आबादी ही गरीब है. नीति आयोग (NITI Aayog) के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने कंजम्पशन एंड एक्सपेंडिचर सर्वे रिपोर्ट जारी करते हुए यह जानकारी दी. सुब्रमण्यम ने कहा कि ग्रामीण व शहरी, दोनों क्षेत्रों में लोग अधिक समृद्ध हो रहे हैं और ताजा घरेलू उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण से संकेत मिलता है कि भारत का गरीबी स्तर 5 प्रतिशत से नीचे गिर गया है. हालांकि कांग्रेस ने आज यानी मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर नीति आयोग के इन दावों को फर्जी बताया है.
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आज प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि आज देश में नीति आयोग यह साबित करने पर तुली है कि मोदी सरकार ने देश में गरीबी खत्म कर दी है. लेकिन इसी रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के सबसे गरीब 5% लोग अपना गुजर-बसर सिर्फ 46 रुपए प्रतिदिन पर करने को मजबूर हैं.
निति आयोग के दावों पर उठाया सवाल
कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि निति आयोग का यह सर्वे देश के अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ती खाई को सही साबित कर रहा है. इस रिपोर्ट के अनुसार शहर के 5% सबसे अमीर लोग, शहर के 5% सबसे गरीब लोगों से 10 गुना ज्यादा खर्च करते हैं. गांव के 5% सबसे अमीर लोग, गांव के 5% सबसे गरीब लोगों से 8 गुना ज्यादा खर्च करते हैं. मतलब अगर गांव में रहने वाले 5% सबसे अमीर हर दिन 350 रुपए खर्च करते हैं तो 5% सबसे गरीब 46 रुपए खर्च करते हैं. वहीं शहर के 5% सबसे अमीर 700 रुपए खर्च करते हैं, तो सबसे गरीब औसतन 67 रुपए खर्च करते हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे केंद्र की बीजेपी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि “मोदी सरकार के अनुसार अगर देश में सिर्फ 7 करोड़ लोग ही गरीब हैं तो देश के 81 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन क्यों देना पड़ रहा है? देश के 35 करोड़ लोगों के पास आवाजाही का कोई साधन और 45 करोड़ लोगों के पास टीवी क्यों नहीं है? रोज़मर्रा की चीजों में भी गिरावट आई है, जो साबित करता है कि लोग खर्च नहीं कर पा रहे हैं.”