Farmers Protest

Farmers Protest

Share this news :

Farmers Protest: किसान आंदोलन को लेकर एक बार फिर चर्चा शुरु हो गयी है. दरअसल हाई कोर्ट ने शंभू बॉर्डर को एक हफ्ते में एक खोलने के निर्देश दिए हैं. वहीं दूसरी तरफ सोमवार को पंजाब के संगरूर में खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डलेवाल की अगुवाई में गैर राजनीतिक किसान मोर्चे की बैठक होने जा रही है. इस बैठक के बाद दूसरे किसान संगठन भी मीटिंग करने वाले हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि किसान इन बैठकों में दिल्ली कूच करने को लेकर फैसला ले सकते हैं. गौरतलब है कि शंभू बॉर्डर पर किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं. सरकार ने उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने से रोक दिया था.

कोर्ट ने दिए ये निर्देश

बता दें कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने 10 जुलाई को हरियाणा सरकार को शंभू बॉर्डर पर एक हफ्ते के भीतर बैरिकेडिंग हटाने का आदेश दिया था. कोर्ट ने पंजाब सरकार को यह भी कहा था कि उनके क्षेत्र में एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों को जरूरत होने पर उचित रूप से नियंत्रित किया जाए. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, दोनों राज्य यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि शंभू बॉर्डर पर हाइवे पर यातायात बहाल किया जाए और सभी के लिए खुला रखा जाए. जनता की सुविधा के लिए कानून और व्यवस्था बनाए रखी जाए. हरियाणा द्वारा नाकाबंदी से बहुत असुविधा हो रही है.

बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी हरियाणा सरकार को अंबाला के पास शंभू बॉर्डर से बैरिकेडिंग हटाने का आदेश दिया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाइवे को रोकने पर भी सवाल खड़े किए हैं.

एमएसपी की मांग कर रहे किसान

मालूम हो कि किसान लंबे समय से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समेत अन्य मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. हाई कोर्ट ने किसान आंदोलन में भाग लेने वाले किसान संगठनों से भी कानून-व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया है. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि उन्होंने चर्चा के लिए दोनों मंचों- एसकेएम और केएमएम की बैठक बुलाई है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि हमने सड़क अवरुद्ध नहीं की है. बैरिकेडिंग केंद्र और हरियाणा सरकार ने लगाए हैं. किसान नेता ने कहा कि किसानों का कभी सड़क अवरुद्ध करने का कोई इरादा नहीं था.


Also Read-

गूगल और यूट्यूब पर राहुल गांधी को लाखों लोग कर रहे सर्च, नरेंद्र मोदी यहां भी पिछड़े

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *