US Deports Indians

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US Deports Indians: अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 104 भारतीय नागरिकों को अमेरिका ने 4 फरवरी को वापस भेज दिया. 5 फरवरी को ये सभी भारतीय स्वदेश लौट आए हैं. अब खबर ये नहीं है कि भारतीय नागरिकों को अमेरिका ने देश से निकाल दिया है. खबर ये है कि अमेरिका ने किस तरीके से भारतीय नागरिकों को भारत भेजा है. अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों के साथ बेहद घिनौना व्यवहार किया गया है. भारत पहुंचे लोगों ने बताया कि अमेरिका से भारत लाते समय उन्हें 40 घंटों तक हथकड़ी लगाकर रखा गया, उनके पैर जंजीरों से बंधे थे. वॉशरूम जाने के लिए उन्हें घिसटने को मजबूर होना पड़ा. वे लोग ठीक से खाना भी न खा सके. इन प्रवासियों के साथ कैदियों से भी बदतर सलूक किया गया.

क्यों हुआ ऐसा व्यवहार?

इस घटना (US Deports Indians) ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि नरेंद्र मोदी एक कमजोर प्रधानमंत्री हैं. ये घटना सीधे सीधे मोदी सरकार के निकम्मेपन पर सवाल उठाती है, जो अपने नागरिकों के आत्मसम्मान और अधिकारों की रक्षा तक न कर सके. भारत के प्रधानमंत्री से ज्यादा हिम्मत तो कोलंबिया के राष्ट्रपति ने दिखाई, जिन्होंने अमेरिकी सैन्य विमान को वापस भेजकर अपना खुद का विमान भेजा और अपने नागरिकों को ससम्मान वापस लाए. जबकि इसके उलट मोदी सरकार ने इस गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साध ली और भारतीय नागरिकों को उनके हाल पर छोड़ दिया. इस घटना से दुनिया भर में न सिर्फ भारत की बेइज्जती हुई है बल्कि मोदी सरकार के निकम्मेपन को भी पूरी दुनिया ने देख लिया है.

गुस्से में विपक्ष

अमेरिका ने भारतीय नागरिकों (US Deports Indians) के साथ जो घिनौना व्यवहार किया है, उसपर विपक्ष शांत नहीं रहने वाला है. भले ही मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है, लेकिन विपक्ष भी जिद्द पर अड़ गया है कि वो जवाब लेकर रहेगा. बजट सत्र के 5वें दिन संसद में अमेरिका से निकाले गए भारतीयों के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ. सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरु होते ही विपक्ष ने इसपर चर्चा की मांग की. विपक्षी सांसदों ने ‘सरकार शर्म करो’ के नारे भी लगाए. इसके बाद विपक्षी सांसदों ने मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया. इस दौरान कुछ सांसद हाथों में हथकड़ी पहने नजर आए. प्रदर्शन के दौरान विपक्षी सांसदों ने पोस्टर भी लहराए जिसमें लिखा था- बेड़ियों में हिंदुस्तान, नहीं सहेंगे ये अपमान.

विदेश मंत्री की बेशर्मी (US Deports Indians)

विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर जब मोदी सरकार पर दबाव बनाया और जवाबदेही की मांग की, तो विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में जवाब देते हुए कहा कि भारत सरकार के रूप में हम लीगल मूवमेंट के पक्ष में है. अवैध मूवमेंट किसी भी तरह से सही नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि डिपोर्टेशन कोई नया नहीं है. यह 2009 से हो रहा है. वहीं नागरिकों के साथ अमानवीय व्यवहार पर सफाई देने के बजाय विदेश मंत्री ने इसे पूरी तरह से नकार दिया. एस जयशंकर ने कहा कि डिपोर्टेशन के दौरान नागरिकों के साथ किसी भी तरह का बुरा बर्ताव नहीं किया गया. अवैध प्रवासियों को हथकड़ी लगाना अमेरिकी सरकार की नीति है.

क्या है कांग्रेस का पक्ष?

विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस मुद्दे (US Deports Indians) पर मोदी सरकार से जवाब की मांग की है. पार्टी का कहना है कि अमेरिका से भारतीय नागरिकों को जिस अमानवीय तरीके से भारत भेजा गया है. उनके हाथों में हथकड़ी और पैरों में जंजीर थी. ये बेहद ही शर्मनाक है. ये विश्व पटल पर भारत और भारतीयों का अपमान है. कांग्रेस ने ये भी कहा कि नरेंद्र मोदी एक कमजोर प्रधानमंत्री हैं.

नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी घटना को लेकर मोदी सरकार को घेरा है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि प्रधानमंत्री जी, भारतीय सम्मान और मानवता के पात्र हैं, हथकड़ी के नहीं.

क्या बोले खड़गे?

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम भारत की पार्टियाँ भारतीय नागरिकों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगी. मोदी सरकार को निर्वासन (US Deports Indians) पर एक विस्तृत बयान देना चाहिए और यह भी बताना चाहिए कि हमने अपनी धरती पर एक सैन्य विमान उतारने के बजाय भारतीयों को गरिमा और सम्मान के साथ वापस लाने के लिए अपने विमान क्यों नहीं भेजे.

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी इसे लेकर मोदी सरकार पर हमला किया है. उन्होंने कहा कि बहुत बात की गई थी कि मोदी जी और ट्रंप जी बहुत अच्छे मित्र हैं, फिर मोदी जी ने ऐसा क्यों होने दिया? क्या इंसानों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है कि उनको हथकड़ियां और बेड़ियां पहनाकर भेजा जाए? ये कोई तरीका है. प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए.


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