Hathras Stampede: यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद हुई भगदड़ में अब तक 122 लोगों की मौत हुई है. इस घटना ने एक बार फिर यूपी की स्वास्थ्य की पोल खोल दी है. इस भयावह घटना के बाद भले ही प्रशासन लीपापोती में जुटा हो लेकिन हकीकत जनता के सामने आ चुकी है. भड़दड के बाद 4 जिलों हाथरस, अलीगढ़, एटा और आगरा में रातभर शवों का पोस्टमॉर्टम हुआ. सैकड़ों लोग घायल हैं, ऐसे में मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, हादसा मंगलवार दोपहर 1 बजे फुलरई गांव में हुआ. इस घटना ने समूचे देश को झकझोर कर रख दिया है. हादसे के एक दिन बाद बुधवार सुबह साढ़े 11 बजे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटना स्थल पर पहुंचे. जहां सीएम ने जिला अस्पताल में घायलों से मुलाकात की. घटनास्थल का जायजा लेने के बाद सीएम ने प्रेस कांफ्रेंस कर भगदड़ के पीछे साजिश बताया.
पत्रकारों से बात करते हुए सीएम ने कहा कि यह हादसा साजिश जैसा है. लोग मरते गए. सेवादार वहां से भाग गए. उन्होंने न तो प्रशासन को सूचना दी और न ही मदद की और ली. प्रशासन की टीम जब पहुंची तो सेवादारों ने उन्हें आगे जाने नहीं दिया. वहीं, विपक्ष भी इस घटना को लेकर योगी सरकार पर निशाना साध रहा है.
जिम्मेदार कौन: प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि “अनुमति से तीन गुना ज्यादा भीड़, मौके पर प्रशासन नहीं, भीड़ मैनेजमेंट का इंतजाम नहीं, भीषण गर्मी से बचने का कोई उपाय नहीं, कोई मेडिकल टीम नहीं, घटना के बाद एंबुलेंस नहीं, मदद के लिए फोर्स नहीं, अस्पताल में डॉक्टर और सुविधाएं नहीं… लापरवाहियों की इतनी लंबी लिस्ट लेकिन किसी की कोई जवाबदेही नहीं. हाथरस में जो दुखद घटना घटी, उसका जिम्मेदार कौन है?”
उन्होंने आगे कहा कि कभी पुल गिरने से, कभी ट्रेन एक्सीडेंट से, कभी भगदड़ से सैकड़ों मौतें होती हैं. लीपापोती करने की बजाए सरकार का दायित्व होता है कि कार्रवाई करे और ऐसे हादसों को रोकने की योजना तैयार करे. मगर जवाबदेही तय होती नहीं है और ऐसे हादसे होते रहते हैं. यह बहुत दुखद स्थिति है.
भाजपा सरकार की विफलता
वहीं, हाथरस की घटना पर समाजवादी पार्टी ने कहा, “भाजपा सरकार और प्रशासन की विफलता की भेंट चढ़ गई 100 से अधिक जिंदगियां! हाथरस घटना के बाद योगी सरकार की व्यवस्था की भी पोल खुल गई. सिकंदराराऊ के ट्रॉमा सेंटर में यदि पर्याप्त डॉक्टर, आक्सीजन, बिजली और पर्याप्त स्टाफ़ होता तो बड़ी संख्या में लोगों का जीवन बचाया जा सकता था. सरकार दावे तो बड़े-बड़े करती है लेकिन धरातल पर कोई इंतजाम नहीं है. DM, SP और SDM पर हो कार्रवाई. इस्तीफा दें मुख्यमंत्री.”
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