Paytm

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पेटीएम (Paytm) के अच्छे दिन बीत चुके हैं, अब बुरे दिनों की बारी है. भारतीय अर्थव्यवस्था का चमकता सितारा कहे जाने वाले पेटीएम को जोर का झटका लगा है. इसके पेमेंट्स बैंक के बंद होने की नौबत आ गई है. अब आख़िर ऐसी क्या वजह है कि आपार सफलता के बाद पेटीएम मुश्किलों में है. इस तरह के सवाल बहुत से लोगों के जेहन में कौंध रहे होंगे.

29 फ़रवरी के बाद कई सेवाएं होंगी बंद

भारतीय रिज़र्व बैंक यानी आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट बैंक पर पाबंदी का एलान किया है. आरबीआई के अनुसार, पेटीएम की कई सेवाएं 29 फ़रवरी के बाद बंद हो जाएंगी. आरबीआई ने कहा है कि पेटीएम ने नियमों का उल्लंघन किया है, इसलिए ये फ़ैसला लिया गया है. आरबीआई के इस एलान के बाद से पेटीएम के शेयरों में भारी गिरावट आई है. पेटीएम का पेमेंट्स बैंक, रेगुलेटरी मामलों में फँस गया है. बड़ी तादाद में केवाईसी उल्लंघन के आरोप लगे हैं, ऐसे में पेटीएम पर मनी लॉन्ड्रिंग का शक पैदा हो गया है.

नोटबंदी पर कंपनी ने मनाया था जश्न

ज्ञान हो कि पेटीएम ने 2010 में अपना काम शुरू किया था लेकिन इसकी वॉलेट सर्विस तब परवान चढ़ी, जब नवंबर 2016 में मोदी सरकार ने देश में नोटबंदी का एलान किया. इस दौरान पूरे देश में 500 और 1000 रुपये के नोट को चलन से हटा दिया गया था. इस दौरान कैशलेस ट्रांजेक्शन के ज़ोर पकड़ने का सबसे ज़्यादा फ़ायदा पेटीएम को मिला था.

दरअसल, नोटबंदी के कुछ ही घंटों में Paytm के यूज़र्स में 435% उछाल आ गया था, जिसे देख विजय शेखर शर्मा फूले नहीं समां रहे थे, मोदी सरकार के एहसानों को देखते हुए कंपनी ने PM मोदी पर बनी पिक्चर के टिकट पर ₹200 तक की कैश बैक कर दिया .

डिज़िटल पेमेंट सर्विस का ‘पोस्टर ब्वॉय’ बना पेटीएम

पेटीएम बहुत जल्द भारत में डिज़िटल पेमेंट सर्विस का ‘पोस्टर ब्वॉय’ बन गया और देश के कोने-कोने में ‘पेटीएम करो’ की आवाज़ गूंजने लगी. मई 2016 में पेटीएम पेमेंट्स बैंक को लॉन्च करने की जानकारी देते समय जब इसके फाउंडर विजय शेखर शर्मा से पत्रकारों ने पूछा कि आरबीआई के कड़े नियमों की वजह से कई कंपनियां अपने लाइसेंस सरेंडर कर इस बिज़नेस से निकल रही हैं, तो उन्होंने कहा था कि पेटीएम का शानदार सफ़र जारी रहेगा. जब तक कोई ‘रोड ब्लॉक’ न आ जाए.

लेकिन सात साल बाद ही पेटीएम की शानदार कामयाबी के रास्ते में ‘रोड-ब्लॉक’ आ गया. दरअसल पेटीएम की समस्या 2022 में इसके आईपीओ लॉन्च होने के बाद ही शुरू हो गई थी. मार्च 2022 में इसका आईपीओ लॉन्च होने के चंद दिनों के बाद ही इसके शेयरों की कीमत में भारी उछाल देखने को मिला था. उस समय भी आरबीआई ने तुरंत प्रभाव से इसके पेमेंट्स बैंक को नए ग्राहक बनाने से रोक दिया था.

अब एक बार फिर पेटीएम के शेयर धड़ाधड़ गिर रहे हैं. सोमवार को पेटीएम के शेयरों की क़ीमत 761 रुपये से घट कर 438 रुपये पर पहुंच गई थी. आरबीआई की कार्रवाई के बाद पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन-97 कम्युनिकेशन लगातार ‘क्राइसिस मैनेजमेंट’ में लगी है. कंपनी के ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप की ख़बरें हैं और कहा जा रहा है कि ईडी कंपनी की जांच कर सकती है. हालांकि पेटीएम ने इन ख़बरों को बेबुनियाद बताया है.

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