चंडीगढ़ में उबर (Uber India) से जुड़ा एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने उबर इंडिया पर ₹20,000 का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही आयोग ने उबर इंडिया को अश्वनी पराशर नामक ग्राहक को मुआवजे के रूप में ₹10,000 का भुगतान करने और कानूनी सहायता खाते में ₹10,0000 जमा करने को कहा है.
सवारी ने उपभोक्ता कोर्ट में की थी शिकायत
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, चंडीगढ़ के रहने वाले अश्विनी पराशर को 6 अगस्त 2021 को सिर्फ 8.83 किलोमीटर की यात्रा के लिए उबर ने 1,334 रुपये का किराया वसूल लिया. जिसको लेकर अश्विनी पराशर ने कोर्ट में अपनी शिकायत दर्ज कराइ है. रिपोर्ट के अनुसार, पराशर को शुरू में 359 रुपये का किराया दिखाया गया था. लेकिन बाद में लिए गए वास्तविक किराए के बीच के भारी अंतर था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ग्राहक सेवा चैट और ईमेल के जरिए इस मुद्दे को सुलझाने के उनके प्रयासों के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला.
150 प्रति किमी के हिसाब से किया चार्ज
अपनी शिकायत में, चंडीगढ़ निवासी पराशर ने कहा कि उन्होंने 6 अगस्त, 2021 को राइड-हेलिंग ऐप उबर का उपयोग करके कैब ली. उन्होंने आरोप लगाया कि 8.83 किलोमीटर लंबी सवारी रात 10.40 बजे से 10.57 बजे तक सिर्फ 15 मिनट तक चली, लेकिन उनसे ₹1,334 का शुल्क लिया गया. जो लगभग ₹150 प्रति किमी बैठता है.
उबर इंडिया ने अपने बचाव में क्या कहा?
उबर इंडिया ने अपने जवाब में कहा कि सवार को दिखाया गया अग्रिम किराया ₹359 था. हालाँकि, एजी कॉलोनी, ऑडिट फूल कॉलोनी, सेक्टर 41-बी, चंडीगढ़ से सेक्टर 48-बी, चंडीगढ़ तक यात्रा के दौरान कई रूट डायवर्ट होने के कारण अंतिम किराया ₹1334 हो गया. हालांकि आयोग ने जोर देकर कहा कि शुरू में दिखाए गए किराए और वास्तविक शुल्क के बीच का अंतर अनुचित व्यापार व्यवहार (अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस) है.
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