UP Viral News: यूपी के बरेली से एक ऐसी खबर आई है जो झूठे मुकदमों में फंसे निर्दोष युवकों के लिए नजीर बन सकती है. दरअसल, एक महिला की झूठी गवाही ने निर्दोष युवक को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया. वह 4 साल, 6 महीने, 8 दिन यानी कुल 1653 दिन जेल में रहा. अब कोर्ट ने आरोपी को बेगुनाह बताते हुए बाइज्जत बरी कर दिया है.
साथ ही अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. अदालत ने दुष्कर्म मामले में बयान से मुकरने वाली युवती को उतने ही दिन जेल में रहने की सजा सुनाई है जितने दिन तक आरोपी युवक कैद में रहा. यानी अब महिला को भी उतने ही दिन जेल में रहना होगा, जितने दिन निर्दोष ने जेल में बिताया है. इसके अलावा महिला पर कोर्ट ने 588822 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना न देने पर उसे 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
अदालत ने कहा कि दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध में फंसाने के लिए युवती ने सुरक्षा के लिए बनाए गए कानून का दुरुपयोग किया. इस कानून के तहत आरोपी को आजीवन कारावास तक की सजा मिल सकती थी.अपर सेशन जज 14 ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि यह मामला अत्यंत गंभीर है. उन्होंने आरोपी युवक अजय उर्फ राघव को बाइज्जत बरी करने का आदेश दिया. झूठे मुकदमे की वजह से अजय को जेल में 1653 दिन (चार साल छह महीने और आठ दिन) बिताने पड़े. वह 2019 से आठ अप्रैल, 2024 तक जेल में रहा. जज ने आरोपी युवती को 1653 दिनों तक कैद की सजा सुनाई है.
यह पूरा मामला 2019 का है. अजय कुमार पर आरोप लगा कि उन्होंने अपने साथ काम करने वाले सहयोगी की 15 साल की बहन का अपहरण कर रेप किया. नाबालिग ने पुलिस और कोर्ट को दिए बयान में बताया कि उसके साथ अजय ने दुष्कर्म किया. लेकिन अब अपने बयान से मुकर गई है.
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