Bangladesh Reservation Protest: बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ जबरदस्त हिंसा हो रही है. हजारों छात्र सड़क पर उतार आएं हैं. सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्र आरक्षण को खत्म करने की मांग कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी छात्रों ने सुरक्षा बलों की कार्रवाई के जवाब में गुरुवार को देशव्यापी बंद का आह्वान किया है. इसी बीच बांग्लादेश (Bangladesh Reservation Protest) देश भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी करते हुए भारतीय को सतर्क रहने और घर से बाहर आवाजाही न करने की सलाह दी है.
भारतीय दूतावास की एडवाइजरी
भारतीय दूतावास ने एडवाइजरी जारी करते अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा, “बांग्लादेश (Bangladesh Reservation Protest) में चल रही स्थिति को देखते हुए, बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय समुदाय के सदस्यों और भारतीय छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे यात्रा करने से बचें और अपने रहने के स्थान से बाहर कम से कम निकलें. किसी भी तरह की आपात स्थिति या सहायता की आवश्यकता होने पर, इन 24 घंटे के आपातकालीन नंबरों पर उच्चायोग और हमारे सहायक उच्चायोगों से संपर्क करें.”
सहायता के लिए इन नंबरों पर कॉल या मैसेज करें
भारतीय उच्चायोग, ढाका +880-1937400591 (व्हाट्सएप पर भी)
भारतीय सहायक उच्चायोग, चटगाँव +880-1814654797 / +880-1814654799 (व्हाट्सएप पर भी)
भारतीय सहायक उच्चायोग, राजशाही +880-1788148696 (व्हाट्सएप पर भी)
भारतीय सहायक उच्चायोग, सिलहट +880-1313076411 (व्हाट्सएप पर भी)
भारतीय सहायक उच्चायोग, खुलना +880-1812817799 (व्हाट्सएप पर भी)
शहरों में अर्धसैनिक बल तैनात
बांग्लादेश (Bangladesh Reservation Protest) में आरक्षण के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में अब तक लोगों की मौत हो चुकी हैं. इनमें 3 छात्र भी शामिल हैं. प्रदर्शन में मारने वाले लोग ढाका, चटगांव और उत्तर पश्चिम रंगुर के बताए जा रहे हैं. बता दें कि आरक्षण के खिलाफ सबसे बड़ा आंदोलन यूनिवर्सिटी परिसरों में हो रहा है. इसे देखते हुए विश्वविद्यालयों के इर्द-गिर्द भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. चार प्रमुख शहरों में अर्धसैनिक बल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को भी तैनात किया गया है.
इन्हें मिल रहा आरक्षण
बता दें कि बांग्लादेश (Bangladesh Reservation Protest) में आरक्षण खत्म करने के लिए पिछले कई दिनों से विरोध प्रदर्शन हो रहा है. विरोध प्रदर्शन करने वाला छात्रों की मांग है कि 1971 के युद्ध में लड़ने वाले सैनिकों के बच्चों के लिए सरकारी नौकरी में आरक्षण खत्म होना चाहिए. हालांकि, ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने इस आरक्षण को 7 दिनों के लिए रोक दिया था. लेकिन पीएम शेख हसीना ने ऐसा नहीं होने दिया. शेख हसीना के इसे लागू न हो देने के बाद छात्र हंगामा कर रहे हैं.
वहीं, बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना का कहना है कि छात्र मेरिट के आधार पर नौकरी की मांग कर रहे हैं. यह फैसला उनके हाथ में है. बांग्लादेश (Bangladesh Reservation Protest) में 30% नौकरियां युद्ध नायकों के बच्चों के लिए आरक्षित हैं. छात्र इस बात से नाराज हैं और हंगामा कर रहे हैं.
जानें किस-किस को मिल रहा आरक्षण
जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश में स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को सरकारी नौकरियों में 30% आरक्षण मिलता है. इसके अलाना महिलाओं को 30% आरक्षण दिया जाता है. बांग्लादेश के अलग-अलग जिलों के लिए भी आरक्षण तय किया गया है. इस जिलों को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाता है और एथनिक माइनोरिटी जैसे संथाल, पांखो, त्रिपुरी, चकमा और खासी के लिए 6% आरक्षण है.लेकिन बांग्लादेश में हिंदुओं के लिए अलग आरक्षण नहीं है. इन सभी आरक्षणों को मिलाकर 56% होता है. इसके अलावा बचा 44% मैरिट के लिए रखा गया है.
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