NEET Paper Leaks: सड़क से लेकर संसद तक नीट पेपर लीक का मुद्दा गरमाया हुआ है. विपक्ष लगातार पेपर लीक के मुद्दे पर सरकार को घेर रहा है. हालांकि केंद्र की मोदी सरकार ने इस मसले पर चुप्पी साध रखी है. इस बीच एक चौंकाने वाले आंकड़े आये हैं. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 7 वर्षों में 70 से अधिक पेपर लीक हुए हैं. इन पेपर लीक की वजह से देश के कुल 1.7 करोड़ परीक्षार्थी प्रभावित हुए हैं.
पेपर लीक के सबसे अधिक मांमले बीजेपी शासित राज्यों से आये हैं, जिनमें राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे प्रमुख राज्यों का नाम शामिल है. अब इस मुद्दे को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार पर देश के करोड़ों युवाओं के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया है.
7 वर्षों में 70 पेपर लीक
मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा है कि 7 वर्षों में 70 पेपर लीक हुए हैं. लेकिन सरकार इस मसले पर चर्चा करने को तैयार नहीं है. उन्होंने आगे कहा, ‘हम NEET घोटाले पर 267 के नियम के तहत सदन में चर्चा कर के, इससे पीड़ित लाखों युवाओं की आवाज़ उठाना चाहते थे. इसलिए लोगों की समस्या पर ध्यान आकर्षित करने के लिए, हमने एक विशेष चर्चा के लिए कहा. हम किसी को परेशान नहीं करना चाहते थे. हम केवल छात्रों के मुद्दों को उठाना चाहते थे. लेकिन उन्होंने इसका मौका नहीं दिया, इस पर ध्यान ही नहीं दिया.’
विपक्ष के साथ हो रहा सौतेला व्यवहार
कांग्रेस अध्यक्ष ने राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़ पर विपक्ष के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘सभापति जी केवल सत्ता पक्ष की ओर देख रहे थे. मैंने उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए 10 मिनट तक हाथ उठाया, खड़ा हुआ, संसदीय गरिमा और नियमों का पालन किया, फ़िर भी उन्होंने सदन में विपक्ष के नेता की ओर नहीं देखा. जब नेता विपक्ष नियमानुसार उनका ध्यान आकर्षित करता है, तो उन्हें उसकी ओर देखना चाहिए, लेकिन इसके बजाय, उन्होंने मुझे अपमानित करने के लिए जानबूझकर मुझे नजरअंदाज कर दिया, मुझे या तो अंदर जाना होगा या बहुत जोर से चिल्लाना होगा. इसलिए मैं निश्चित रूप से कहूंगा कि यह सभापति साहब की गलती है.