Ayodhya: इस सीजन की पहली बारिश ने अयोध्या में हुए विकास कार्यों की पोल खोल दी है. बारिश के कारण 844 करोड़ के बजट से नवनिर्मित अयोध्या के राम पथ पर कई गड्ढे हो गए हैं. रेवले की बाउंड्री वाल ढह चुकी है. मंदिर के अंदर बारिश का पानी टपकने की खबर है. अयोध्या से जुड़ी इन खबरों को सुनने के बाद लोग भड़के हुए हैं. सोशल मीडिया पर यूपी की योगी और केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं.
इस बीच अब खबर आ रही है कि अयोध्या के विकास कार्यों की जिम्मेदारी एक गुजराती कंपनी (मेसर्स भुगन इंफ्राकॉन प्रालि) को दी गई थी, जिसने काम मके दौरान घोर अनियमितता बरती है. बारिश के बाद अयोध्या से आने वाली तस्वीरें इस बात का सबूत हैं कि यहां काम के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार हुआ है. पोल खुलने के बाद अयोध्या में काम कराने वाली गुजराती कंपनी को नोटिस थमाया गया है. इसके साथ ही इसकी गाज अधिकारियों पर गिरी है.
रामपथ पर हुए 13 गड्डे
राम पथ धंसने की घटना के मद्देनजर, उत्तर प्रदेश सरकार ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और जल निगम के कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है. छह इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया है. हालांकि अभी तक गुजराती कंपनी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. बता दें कि पहली बारिश में रामपथ पर 13 जगह गड्ढे हो गए थे.
निलंबित अधिकारियों में पीडब्ल्यूडी के तीन अधिकारी कार्यकारी अभियंता ध्रुव अग्रवाल, सहायक अभियंता अनुज देशवाल और कनिष्ठ अभियंता प्रभात पांडे शामिल हैं. जल निगम से, कार्यकारी अभियंता आनंद कुमार दुबे, सहायक अभियंता राजेंद्र कुमार यादव और कनिष्ठ अभियंता मोहम्मद शाहिद को आगे की जांच तक उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया है.