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NCERT removed Preamble: नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने बच्चों की किताबों से संविधान की प्रस्तावना को हटा दिया है. इस टॉपिक को क्लास 3 की सभी किताबों से हटा दिया गया है. वहीं कक्षा 6 के सामाजिक विज्ञान की किताब से प्रस्तावना को हटा दिया गया है. इसके अलावा संविधान की प्रस्तावना को कुछ मेन एकेडमिक विषय जैसे लैंग्वेज और इंवायरमेंटरल स्टडीज से भी हटाया गया है.
इन किताबों में शामिल हुई प्रस्तावना
कक्षा 3 की सारी किताबों और कक्षा 6 के सामाजिक विज्ञान से प्रस्तावना को हटाकर एनसीईआरटी ने इसे कक्षा 6 की विज्ञान की पुस्तक क्यूरियोसिटी और हिंदी की किताब मल्हार में प्रकाशित किया है. वहीं सामाजिक विज्ञान की किताब में अब मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्य चैप्टर शामिल किए गए हैं.
इसके अलावा प्रस्तावना को कक्षा 6 की नई अंग्रेजी की किताब पूर्वी या संस्कृत की किताब दीपकम में प्रकाशित नहीं किया गया है. ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इन दोनों किताबों में अब राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत को शामिल किया गया है.
नई एजुकेशन पॉलिसी है इस बदलाव का कारण
NCERT ने अपने इस कदम के पीछे का कारण नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 को बताया है. एनसीईआरटी ने 2005-06 और 2007-08 के बीच सभी कक्षाओं के लिए किताबें पब्लिश की थीं, जिसे अब नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 की शुरुआत के बाद संशोधित कर रहा है. एनसीईआरटी का कहना है कि कक्षा 3 और 6 के लिए नई किताबें नए नेशनल करिर्कुलम फ्रेमवर्क को ध्यान में रखते हुए जारी की गई हैं.
NCERT ने दी सफाई
एनसीईआरटी में पाठ्यक्रम अध्ययन और विकास विभाग की प्रमुख प्रोफेसर रंजना अरोड़ा ने कहा कि नई पाठ्यपुस्तकें न केवल प्रस्तावना को महत्व देती हैं, बल्कि भारतीय संविधान के विभिन्न पहलुओं जैसे मौलिक कर्तव्यों, मौलिक अधिकारों और राष्ट्रगान को भी महत्व देती हैं. इन सभी को विभिन्न चरणों की विभिन्न पाठ्यपुस्तकों में रखा जा रहा है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह समझ कि केवल प्रस्तावना ही संविधान और संवैधानिक मूल्यों को दर्शाती है, त्रुटिपूर्ण और संकीर्ण है. बच्चों को प्रस्तावना के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों, मौलिक अधिकारों और राष्ट्रगान से संवैधानिक मूल्य क्यों नहीं सीखने चाहिए. हम एनईपी-2020 के विजन का पालन करते हुए बच्चों के समग्र विकास के लिए इन सभी को समान महत्व देते हैं.
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