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अजमेर दरगाह (Ajmer Sharif Dargah) को लेकर पीएम मोदी का दोहरा चरित्र सामने आ चुका है. कुछ दिनों पहले ही कहा जा रहा था कि अजमेर दरगाह में कभी शिव मंदिर हुआ करता था. लेकिन पीएम मोदी के अंधभक्तों को अब धक्का लग गया है. पीएम मोदी ने दरगाह के लिए चादर जो भेज दी है. और तो और ये चादर लेकर कौन गए. मोदी के मंत्री किरेन रिजिजू. इस चादर को 813वें उर्स के मौके पर दरगाह पर चढाई जाएगी.
पीएम मोदी और किरण रिजिजू का फोटो हुआ वायरल
पीएम मोदी ने जिस चादर को भेजा है, वह केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू लेकर गए हैं. रिजिजू ने कहा है कि पीएम मोदी की ओर से दी गई चादर अजमेर शरीफ जाएगी, जिसे हम निजामुद्दीन से होते हुए ले जाएंगे. अल्पसंख्यक मंत्रालय के सीनियर अधिकारी अजमेर शरीफ (Ajmer Sharif Dargah) जाएंगे. रिजिजू ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें पीएम मोदी और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दिक़ी के साथ रिजिजू चादर हाथ में पकड़े खड़े हैं. रिजिजू ने पोस्ट में लिखा है कि प्रधानमंत्री की ओर से चादर भेंट करना भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत और वर्षों से चले आ रहे सद्भाव और करुणा के संदेश के प्रति उनके गहरे सम्मान को दिखाता है.
मोदी के चादर भेजने पर मुख्तार अब्बास नकवी हैं खुश
बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी पीएम मोदी के चादर भेजने पर टिप्पणी दी है. उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 से लगातार अजमेर शरीफ़ (Ajmer Sharif Dargah) में ख्व़ाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में पेश करने के लिए चादर भेजते रहे हैं. ऐसा करके वो देश में अमन-चैन, शांति और एकता बनाए रखने का संदेश भी देते हैं.
पीएम ने अजमेर शरीफ (Ajmer Sharif Dargah) भेजी चादर, हिंदू सेना भड़की
आपको बता दें कि भारत के प्रधानमंत्रियों की ओर से दरगाह में चादर भेजने की पुरानी परंपरा रही है. और अब इस फेहरिश्त में पीएम मोदी भी शामिल हैं. पीएम मोदी के इस कारनामे से हिंदू सेना नाराज हो गई है. हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कहा कि इस मामले में जब तक केस चल रह है तब तक चादर भेजना स्थगित कर देना चाहिए. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही देश भर में इस तरह की याचिकाओं पर कोई कार्रवाई करने पर रोक लगा चुकी है.
विष्णु गुप्ता ने पीएम ऑफिस को एक चिट्ठी भी भेजी है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि मैंने संकट मोचन मंदिर बनाम अजमेर दरगाह ख्वाजा साहेब केस में याचिका दायर की है. इस याचिका में मैंने कई ऐसे सबूत हैं, जिससे पता चलता है कि अजमेर दरगाह शिव मंदिर को तोड़कर बनाया गया है. यह शिव मंदिर चौहान वंश के राजाओं ने बनवाया था. विष्णु गुप्ता ने आगे कहा है कि मैंने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के विशेषज्ञों से अजमेर दरगाह शरीफ (Ajmer Sharif Dargah) की इमारतों के पूरे विवादित इलाके का साइंटिफिक सर्वे के लिए भी याचिका दायर की है.
विष्णु गुप्ता ने पीएम मोदी से क्या-क्या कहा?
विष्णु गुप्ता ने ये भी कहा है कि उन्हें किसी के Ajmer Sharif Dargah चादर भेजने से परेशानी नहीं है. लेकिन संवैधानिक पद पर बैठे अंगर चादर भेजते हैं तो उनके केस पर असर पड़ेगा. गुप्ता ने कहा है कि पीएम मोदी अगर व्यक्तिगत तौर पर चादर भेजें तो कोई परेशानी नहीं है. लेकिन पीएम पद बैठा व्यक्ति अगर चादर भेजता है तो केस पर असर पड़ सकता है. ये कहना है हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता का.
अजमेर दरगाह (Ajmer Sharif Dargah) पर हिंदू सेना का दावा क्या है?
आपको बता दें कि याचिका हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दायर की गई थी. मामले में बताया गया था कि दरगाह (Ajmer Sharif Dargah) में शिव मंदिर है. वहीं पिछली सुनवाई के दौरान एक खास किताब पेश की गई थी जिसमें दावा किया गया था कि वहां एक हिंदू मंदिर था, और तो और इस मामले को अदालत ने सुनवाई योग्य मान भी लिया था.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में थोड़ा सा ट्विस्ट लाते हुए कह दिया था कि जब तक संभल का मामला खत्म नहीं हो जाता है तबतक कोई और मंदिर-मस्जिद मामले पर सुनवाई नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट ने तो यहां तक कह दिया था कि मामले की सुनवई तक ऐसे मामले दर्ज तक नहीं किए जा सकते.
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