Traffic Jam In Maha Kumbh
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Traffic Jam In Maha Kumbh: यूपी की योगी सरकार कितनी निर्मम है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि कई घंटों से लोग महाकुंभ में स्नान के लिए तरस रहे हैं, लेकिन योगी सरकार की खराब व्यवस्था ने लोगों को जाम में फंसा दिया है. ऐसा कहा जा रहा है कि 300 किलोमीटर लंबी जाम लगी है, जो एक विश्व रिकॉर्ड है.
थोड़ी दूर चलने के लिए भी घंटों का इंतजार
दरअसल योगी सरकार के प्रशासन ने प्रयागराज शहर और कुंभ मेला क्षेत्र के सभी एंट्री प्वाइंट बंद कर दिए हैं. महाकुंभ में ट्रैफिक जाम (Traffic Jam In Maha Kumbh) से लाखों श्रद्धालु घंटों से फंसे हुए हैं. भयंकर भीड़ और उतनी ही भयंकर बदइंतजामी है. 20 20 किमी पैदल चलने के बाद भी कुंभ क्षेत्र में एंट्री नहीं हो रही.
योगी सरकार की लापरवाही के कारण इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है. बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे थककर बेहाल हैं. पानी पीने का तक की व्यवस्था नहीं है. सोचिये ना की लोगों की हालत भूख और प्यास से कैसी हो गई होगी. वहीं दूसरी तरफ VVIP और पुलिस अधिकारियों के प्रोटोकॉल वाले परिजनों को डायरेक्ट एंट्री दी जा रही है.
जाम में लोगों की सुरक्षा के लिए सरकार के पास नहीं है कोई प्लान
क्या योगी सरकार बताएगी कि जो लोग रास्तों में बेसुध हो रहे हैं, उनकी देखभाल का कोई इंतजाम है. महाकुंभ में ट्रैफिक जाम (Traffic Jam In Maha Kumbh) के चलते फंसे श्रद्धालुओं के मोबाइल फ़ोन की बैटरी ख़त्म हो जाए तो क्या वे कहीं चार्ज कर सकते हैं. अगर नहीं है तो जब लोगों का अपनों से संपर्क टूट गया तो वे कैसे उन्हें खोज पाएंगे. खैर, योगी सरकार ने जो व्यवस्था की है उससे प्रयागराज से लेकर मध्य प्रदेश बॉर्डर तक लोोग फंसे हुए हैं.
गाड़ियां पिछले 72 घंटों से रेंग रही है. मध्य प्रदेश के सतना और कटनी बॉर्डर से लेकर 300 किलोमीटर प्रयागराज तक महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं का बड़ी संख्या में आना-जाना जारी है. हालत ऐसी ही कि 2 किलोमीटर की दूरी 10 घंटे में भी नहीं तय हो पा रही है.
प्रयागराज जाने वाली सभी सड़कों पर जाम
महाकुंभ में ट्रैफिक जाम (Traffic Jam In Maha Kumbh) के चलते दिल्ली और कानपुर की तरफ से जाने वाली सड़क भी 30 किलोमीटर पहले से ही जाम में फंसी हुई है. मध्य प्रदेश की तरफ से आने वाली सड़क पर तो गाड़ी जाम से निकलने का नाम तक नहीं ले रही है. यही हाल बनारस की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं का भी है.
जाम से लोकल लोग सबसे ज्यादा परेशान
प्रयागराज महाकुंभ में ट्रैफिक जाम (Traffic Jam In Maha Kumbh) को जिन्होंने भी देखा या फिर जो फंसे हुए हैं इस जाम में, वे श्रद्धालु जीवन में कभी इसे भूल नहीं पाएंगे. और तो और प्रयागराज के लोग भी इस बात को भूल नहीं पाएंगे कि योगी सरकार ने ऐसी व्यवस्था कर रखी थी कि वे स्कूल अस्पताल या जरूरी सेवाओं का लाभ तक नहीं ले पा रहे थे.
मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ से नहीं सीख पाई योगी सरकार
महाकुंभ में ट्रैफिक जाम (Traffic Jam In Maha Kumbh) से एक ही बात समझ आती है कि योगी सरकार अभी भी मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ को हलके में ले रही है. उन्हें कोई परवाह नहीं है उन जानों की, जो उस भगदड़ में अपनों को हमेशा के लिए छोड़ गए. ऐसी कई आवाजें 29 जनवरी को खामोश हो गई थी. लेकिन जिम्मेदारों की जिम्मेदारी सिर्फ VIP लोगों के लिए बनती है. इन रोते-बिलखते लोगों के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं बनती ?
आपको एक बात जानकर हैरानी होगी कि महाकुंभ 2025 की व्यवस्थाओं पर योगी सरकार ने 7500 करोड़ रूपये खर्च कर दिए. विचार कीजिए कि इस घटिया व्यवस्था के लिए सरकार ने 7500 करोड़ खर्च किए. इस व्यवस्था के तहत मौनी अमावस्या के दिन 40 से 45 लोग भगदड़ में मारे गए.
कुंभ से लगातार आई है आग लगने की खबर
महाकुंभ में ट्रैफिक जाम (Traffic Jam In Maha Kumbh) के अलावा लगातार कुंभ से आग लगने की खबर सामने आई है. 19 जनवरी को कौन भूल सकता है जब महाकुंभ में लगी आग की लपटें आकाश को चूम रही थी. और लोग उससे भयभीत हो रहे थे. गोरखपुर गीता प्रेस के ना जाने कितने आउटलेट जलकर खाक हो गए थे. गीता प्रेस के लगभग 200 टैंट उस दिन जल गए थे… फिर कार पार्किंग से आग लगने की खबर सामने आई.
फिर 30 जनवरी को महाकुंभ के सेक्टर 22 में आग लगी थी. जिसमें 15 टैंट जल गए थे. 4 फरवरी को महाकुंभ के सेक्टर 21 में आग लगने की खबर सामने आई थी. जहां पार्किंग स्थल पर कूड़ा डंप किया गया था. उसी कूड़ें में आग लगने से लोगों में हड़कंप मच गया था. और फिर 7 फरवरी की सुबह कुंभ मेले में आग लगने से 20 पांडाल जलकर खाक हो गए. लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद भी योगी सरकार हाथ पर हाथ धड़े बैठी हुई है.
योगी सरकार और प्रशासन कर रही है दिखावा
महाकुंभ में ट्रैफिक जाम (Traffic Jam In Maha Kumbh) से पता चलते है कि महाकुंभ में योगी सरकार ने कैसी व्यवस्था की है. फिर भी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी आंखों पर पट्टी बांधे हुए हैं. व्यवस्थाओं से ज्यादा हवावाजी, पोस्टरबाजी और फोटोबाजी की जा रही है. लेकिन महाकुंभ में लोगों की सुरक्षा पर किसी का ध्यान नहीं है. इसका सबूत है ये जाम.
लोगों के साथ हो रही ये जात्ती. लोगों के परेशान होने के ये वीडियोज. सबूत हैं कि योगी सरकार ने महाकुंभ में सिर्फ नाम के 7500 करोड़ रूपये फेंके हैं. या फिर आप ये भी कह सकते हैं कि योगी सरकार ने व्यवस्थाओं के नाम पर 7500 करोड़ के भ्रष्टाचार के अलावा और कुछ किया नहीं है.
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