Manipur CM Resign

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Manipur CM Resign: मणिपुर में आखिरकार बीजेपी ने घुटने तक ही दिए. मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को मजबूरन इस्तीफा (Manipur CM Resign) देना ही पड़ा. बीरेन सिंह ने 9 फ़रवरी को यह स्वीकार कर लिया कि उनसे अब मणिपुर नहीं संभल रहा है. ऐसे में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. कल रविवार शाम उन्होंने राजभवन जाकर राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाक़ात की और उन्हें अपना इस्तीफ़ा सौंपा. लेकिन ऐसा नहीं है कि अचानक उनकी अंतरात्मा जाग गई और बीरेन सिंह (Manipur CM Resign) ने इस्तीफा दे दिया.

कांग्रेस ने किया BJP को मजबूर

कांग्रेस ने बीजेपी को मणिपुर में ऐसा करने पर मजबूर कर दिया. जिसके बाद भाजपा को मजबूरी में यह निर्णय लेना पड़ा. दरअसल, बीरेन सिंह के खिलाफ कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव ला रही थी, जो वो हारने वाले थे, क्योंकि उनके खुद के विधायक भी उनके खिलाफ हो गए थे. मणिपुर बीजेपी में फुट पड़ गई थी. भाजपा विधायक खुद मान रहे थे कि बीरेन सिंह (Manipur CM Resign) की नाकामी की वजह से मणिपुर पिछले दो सालों से जल रहा है. मणिपुर में 3 मई 2023 से मैतेई समुदाय और कुकी जनजाति के बीच शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद से बीरेन सिंह की भूमिका पर सवाल उठ रहे थे.

2 साल से जल रहा है मणिपुर

बता दें, बीते दो सालों से मणिपुर में हर तरफ अशांति और चीख पुकार मची हुई है. 60 हजार लोग विस्थापित हो चुके है, 50 हजार लोग रिलीफ कैंप में रहने को मजबूर हैं, सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. पूरा मणिपुर बीरेन सिंह (Manipur CM Resign) के खिलाफ था, उनके खिलाफ लगातार प्रदर्शन किए हो रहे थे. इतना कुछ होने के बाद भी बीरेन सिंह CM (Manipur CM Resign) की कुर्सी से चिपके रहे, लेकिन अब जब हटने की बारी आई तो इस्तीफा देकर मुंह छिपाने में लग गए.

इन दो सालों में मणिपुर को लेकर दुनिया भर में बातें हुईं. नेता विपक्ष राहुल गांधी मणिपुर पहुंचने. उन्होंने पीड़ितों के घाव पर मरहम लगाया. पीएम मोदी से अपील की कि कम से कम एक बार मणिपुर आ जाइए. यहां पीड़ितों का हाल देख लीजिए. कैसे भी जलते मणिपुर को बचाइए. लेकिन इस सभी बातों से पीएम मोदी को कोई फर्क नहीं पड़ा.

पीएम मोदी जलते मणिपुर को छोड़ रूस यूक्रेन वार रुकवाने में लगे थे, अम्बानी घराने की शादी का लुफ्त उठाने में लगे थे. लोग हिंसा झेलते रहे, प्रधानमंत्री अपनी मौज में रहे. वे न मणिपुर के लोगों से मिलने गए, न ही उनके प्रति दुख व्यक्त किया. यहां तक कि मोदी ने मणिपुर के सांसद और विधायक के प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात नहीं की, यह सब कुछ होता देख ऐसा लगा जैसे – प्रधानमंत्री मोदी के लिए मणिपुर के लोग मायने ही नहीं रखते. मणिपुर देश का कोई हिस्सा है ही नहीं.

PM मोदी नहीं राहुल गांधी ने किया दौरा

वहीं राहुल गांधी मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद एक बार नहीं, दो बार नहीं, कुल 3 बार वहां पहुंचे. वहां उन्होंने मणिपुर के लोगों के आंसू पोछे, उनका दर्द बांटा. अब बीरेन सिंह (Manipur CM Resign) के इस्तीफे पर राहुल गांधी ने कहा है कि करीब दो साल तक बीजेपी के सीएम बीरेन सिंह ने मणिपुर में बंटवारा कराया. मणिपुर में हिंसा, जानमाल के नुकसान और भारत के विचार के विनाश के बावजूद पीएम मोदी ने उन्हें बने रहने की अनुमति दी.

सीएम बीरेन सिंह के इस्तीफे से पता चलता है कि बढ़ते जन दबाव, सुप्रीम कोर्ट की जांच और कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव ने फैसले पर मजबूर कर दिया है. लेकिन सबसे जरूरी प्राथमिकता राज्य में शांति बहाल करना और मणिपुर के लोगों के घावों को भरने के लिए काम करना है.

राहुल गांधी ने PM से अपील

बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद नेता विपक्ष राहुल गांधी ने PM मोदी से अपील की है कि प्रधानमंत्री को तुरंत मणिपुर का दौरा करना चाहिए, लोगों की बात सुननी चाहिए और अंत में सामान्य स्थिति वापस लाने की अपनी योजना बतानी चाहिए. वहीं सवाल उठता है कि क्या बीरेन सिंह (Manipur CM Resign) के इस्तीफे के बाद मणिपुर के लोगों का जख्म कम हो जायेगा. उनके घाव भर जायेंगे. ऐसा बिल्कुल नहीं है, मणिपुर में बिगड़े हालात के लिए बीरेन सिंह तो जिम्मेदार हैं ही, लेकिन उतने ही ज़िम्मेदार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हैं, बीरेन सिंह केवल कठपुतली हैं. उनके साथ साथ इस्तीफ़ा गृह मंत्री को देना चाहिए. उन्हें भी अपनी नाकामी स्वीकार करनी चाहिए.


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