Manish Sisodia Letter: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसौदिया ने तिहाड़ जेल से अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने अपनी दुर्दशा की तुलना स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ अंग्रेजों द्वारा किए गए अत्याचारों से की है. गौरतलब है कि दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाला मामले में मनीष सिसौदिया की गिरफ्तारी हुई थी. ऐसे में वे फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं.
अदालत में अपनी जमानत की सुनवाई से एक दिन पहले, मनीष सिसौदिया ने लिखा, “जल्द ही बाहर मिलते हैं… मुझे पिछले एक साल में सभी की याद आई. सभी ने मिलकर ईमानदारी से काम किया. जैसे आजादी के समय सभी ने लड़ाई लड़ी, वैसे ही हम अच्छी शिक्षा और स्कूलों के लिए लड़ रहे हैं. ब्रिटिश तानाशाही के बाद भी आजादी का सपना साकार हुआ था. इसी तरह, एक दिन हर बच्चे को उचित और अच्छी शिक्षा मिलेगी. ”
अंग्रेजों को भी बहुत ज़्यादा घमंड था: मनीष सिसौदिया
मनीष सिसौदिया ने आगे लिखा है कि अंग्रेजों को भी बहुत ज़्यादा घमंड था अपनी सत्ता की ताकत का. अपनी सत्ता के दम पर वे जिसे चाहते, तरह-तरह के घंटे आरोप लगाकर जेल में डाल देते थे. उन्हें भी लगता था कि जेल की दीवारें आज़ादी के लिए लड़ने वालों का मनोबल तोड़ देंगी. उन्होंने सत्ता के अहंकार में डूबकर गांधी जी को भी कई बार कई वर्षों तक जेल में डालकर रखा था. लेकिन इतिहास गवाह है कि महात्मा गांधी जैसे संत पर झूठे आरोप और तानाशाही बाले कानून लगाकर उन्हें जेल में डालने वाले अंग्रेजी राज का सूरज डूब गया लेविन आज गांधी जी का नाम सारी दुनिया में इतनी इज्जत से लिया जाता है. नेल्सन मंडेला को भी जेल में डाला गया. ये लोग मेरी प्रेरणा हैं.
दिल्ली में शिक्षा क्रांति हुई: मनीष सिसोदिया
स्कूलों में अच्छी शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए मनीष सिसोदिया ने लिखा, ”विकसित देश बनने के लिए अच्छी शिक्षा और स्कूलों का होना जरूरी है. मुझे खुशी है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में शिक्षा क्रांति हुई.”
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