कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) लगातार देश में जाति जनगणना की बात कर रहे हैं. भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान अपने संबोधन में राहुल गांधी लगातार कह रहे हैं कि जाति जनगणना देश का एक्सरे है, इससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
अब उन्होंने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा है कि क्या हमने कभी सोचा है कि गरीब कौन हैं? कितने हैं और किस स्थिति में है? क्या इन सभी की गिनती ज़रूरी नहीं? उन्होंने आगे कहा, “बिहार में हुई जातिगत गिनती से पता चला कि गरीब आबादी के 88% लोग दलित, आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यक समाज से आते हैं.”
गरीब आबादी किस हाल में जी रही है
राहुल गांधी ने आगे अपने पोस्ट में कहा है कि बिहार से आए आंकड़े देश की असली तस्वीर की एक छोटी सी झलक मात्र हैं, हमें अंदाज़ा तक नहीं है कि देश की गरीब आबादी किस हाल में जी रही है. इसीलिए हम दो ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहे हैं – जातिगत गिनती, आर्थिक मैपिंग, जिसके आधार पर हम 50% की आरक्षण सीमा को उखाड़ कर फेंक देंगे.
उन्होंने आगे कहा कि यह कदम देश का X-Ray कर सभी को सही आरक्षण, हक़ और हिस्सेदारी दिलाएगा. इससे न सिर्फ गरीब के लिए सही नीतियां और योजनाएं बनाई जा सकेंगी बल्कि उन्हें पढ़ाई, कमाई और दवाई के संघर्ष से उबार कर विकास की मुख्यधारा से जोड़ा भी जा सकेगा. इसलिए उठो, जागो और अपनी आवाज़ उठाओ, जातिगत गिनती तुम्हारा हक़ है और यही तुम्हें मुश्किलों के अंधेरों से निकाल कर उजालों की ओर ले जाएगी. गिनती करो हमारा नारा है, क्योंकि गिनती ‘न्याय की पहली सीढ़ी’ है.