NCERT Babri Masjid Controversy: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा 11वीं और 12वीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस की किताब से बाबरी मस्जिद’शब्द को हटाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. इसके स्थान पर ‘अब तीन गुंबद वाली संरचना’वाक्य का उपयोग किया जाएगा. इस मामले को लेकर अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया सामने आई है.
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी कहा “एनसीआरटी ने बाबरी मस्जिद के स्थान पर तीन गुंबददार संरचना शब्द लिखने का निर्णय लिया है.इसने अयोध्या फैसले को आम सहमति का उदाहरण बताने का भी फैसला किया है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा भारत के बच्चों को पता होना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद के विध्वंस को गंभीर आपराधिक कृत्य कहा था.भारत के बच्चों को पता होना चाहिए कि 1949 में एक मौजूदा मस्जिद को अपवित्र किया गया था और फिर 1992 में एक भीड़ द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था. उन्हें आपराधिक कृत्यों का महिमामंडन करते हुए बड़ा नहीं होना चाहिए.”
स्कूली किताबों में बदलाव और भगवाकरण के आरोपों पर NCERT के निदेशक ने ये कहा
वहीं स्कूली पाठ्यक्रम में बदलाव और भगवाकरण के आरोपों को खारिज करते हुए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने निदेशक ने कहा कि दंगों के बारे में पढ़ाना अवसादग्रस्त नागरिक पैदा कर सकता है इसलिए स्कूली पाठ्यपुस्तकों में गुजरात दंगों और बाबरी मस्जिद गिराए जाने के संदर्भों को संशोधित किया गया. एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में गुजरात दंगों या बाबरी मस्जिद गिराए जाने के संदर्भ में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर सकलानी ने कहा, ‘हमें स्कूल की किताबों में बच्चों को दंगों के बारे में क्यों पढ़ाना चाहिए. हम हिंसक और अवसादग्रस्त व्यक्ति का नहीं बल्कि सकारात्मक नागरिक बनाना चाहते हैं.