भ्रामक विज्ञापन से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को फटकार लगाई थी. जिसके बाद बाबा रामदेव और कंपनी के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक संक्षिप्त हलफनामे में आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि उन्हें कंपनी के अपमानजनक वाक्यों वाले विज्ञापन पर खेद है.
पतंजलि आयुर्वेद और उसके MD आचार्य बालकृष्ण ने गुमराह करने वाले भ्रामक दवा विज्ञापन देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है. इस माफीनामे में विज्ञापन को फिर से प्रसारित न करने का भी वादा किया गया है. आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि पतंजलि आयुर्वेद का उद्देश्य नागरिकों को पतंजलि के प्रोडक्ट का उपभोग करके स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करना था.
गुमराह करने वाला विज्ञापन जारी कर रहे थे रामदेव
अदालत में दायर एक हलफनामे में, बालकृष्ण ने कहा है कि वह कानून के शासन का सबसे अधिक सम्मान करते हैं. मालूम हो कि कोर्ट ने 2 अप्रैल को पतंजलि आयुर्वेद के गुमराह करने वाले दवा विज्ञापन मामले में स्वामी रामदेव (पतंजलि के को-फाउंडर) और पतंजलि के MD आचार्य बालकृष्ण को कोर्ट में पेश होने को कहा है.
19 मार्च को हुई थी सुनवाई
इससे पहले, कोर्ट ने 19 मार्च को हुई सुनवाई में नोटिस जारी कर ये भी पूछा था कि उनके खिलाफ क्यों न अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए. जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं. इससे पहले 27 फरवरी को इस मामले की सुनवाई हुई थी.
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