देश के तीसरे सबसे बड़े औद्योगिक ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने आज मुबंई में क्रिसिल के एक कार्यक्रम में देश को उदारीकरण का रास्ता दिखाने वाले और भारत के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की आर्थिक नीतियों की तारीफ की. गौतम अडानी ने कहा कि 1991 से 2014 के बीच देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास की नींव रखी गई थी. उन्होंने कहा कि वो समय नींव रखने का था. साथ ही उन्होंने कहा कि, आज देश जो प्रगति कर रहा है, उसमें आर्थिक उदारीकरण नीति एक बड़ा मोड़ साबित हुई.
‘सरकार ने लाइसेंस राज खत्म किया’
गौतम अडानी ने कहा कि सरकार ने लाइसेंस राज खत्म किया. इसके चलते ज्यादातर क्षेत्रों के औद्योगिक लाइसेंसों की जरूरत खत्म हो गई. नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (NIP) की बात करते हुए कहा कि, इसमें निजी और सार्वजनिक क्षेत्र दोनों की भागीदारी शामिल है. इसका जो फंडिंग मॉडल है वो दोनों में बटा हुआ है. साथ ही उन्होंने कहा कि अडानी ग्रुप की ओर से उर्जा में बदलाव वाली परियोजनाओं और विनिर्माण क्षमता में 100 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा.
सौर्य उर्जा से बिजली उत्पादन के लिए सोलर फर्म किया जा रहा विकसित
गौतम अडानी ने कहा कि उनकी कंपनी का मकसद ग्रीन एनर्जी के उत्पादन के लिए जरुरी सभी प्रमुख कलपुर्जों की मैन्यूफैक्चरिंग करना है. अडानी ग्रुप सौर्य उर्जा से बिजली का उत्पादन करने के लिए सोलर फर्म और हवा से उर्जा का उत्पादन करने के लिए विंड मिल फार्म विकसित कर रहा है. गौतम अडानी का ये भी कहना है कि, उनका प्रयास दुनिया के सबसे ग्रीन इलेक्ट्ऱ़ॉन बनाने की भी है.
साथ ही गौतम अडानी ने कहा कि दुनिया भर में उर्जा सोर्स चेंज मार्केट लगभग 3,000 अरब डॉलर का था. जो 2030 तक बढ़कर 6000 डॉलर तक पहुंच सकता है. उसके बाद हर 10 साल में ये दोगुना हो जाएगा.
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