कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार (11 मार्च) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा किइलेक्टोरल बॉन्ड प्रकाशित करने के लिए SBI द्वारा साढ़े चार महीनें माँगने के बाद साफ़ हो गया था कि मोदी सरकार अपने काले कारनामों पर पर्दा डालने की हर संभव कोशिश कर रही है.
मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने अधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “आज के माननीय सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से देश को जल्द इलेक्टोरल बॉन्ड से भाजपा के चंदा देने वालों की लिस्ट पता चलेगी. मोदी सरकार के भ्रष्टाचार, घपलों और लेन-देन की कलई खुलने की ये पहली सीढ़ी है. अब भी देश को ये नहीं पता चलेगा कि भाजपा के चुनिंदा पूँजीपति चंदाधारक किस-किस ठेके के लिए मोदी सरकार को चंदा देते थे, उसके लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट को उचित निर्देष देने चाहिए.”
सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला लोकतंत्र की जीत
उन्होंने आगे कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स से ये तो उजागर हुआ ही है कि भाजपा किस तरह ED-CBI-IT रेड डलवाकर जबरन चंदा वसूलती थी. सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला पारदर्शिता, जवाबदेही, और लोकतंत्र में बराबरी के मौक़े की जीत है.
SC का आदेश-SBI कल तक दे इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा
गौरतलब है कि इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देने से जुड़े केस में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया. SBI ने कोर्ट से कहा कि बॉन्ड से जुड़ी जानकारी देने में हमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इसके लिए कुछ समय चाहिए. इस पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि पिछली सुनवाई (15 फरवरी) से अब तक 26 दिनों में आपने क्या किया? कोर्ट ने आगे कहा कि SBI 12 मार्च तक सारी जानकारी का खुलासा करे. इलेक्शन कमीशन सारी जानकारी को इकट्ठा कर 15 मार्च शाम 5 बजे तक इसे वेबसाइट पर पब्लिश करे.