Jammu Kashmir Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों हुई ताबड़तोड़ आतंकी घटनाओं ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. विपक्ष लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है. आतंकवाद को जड़ से मिटाने का दावा करने वाली सरकार बेबस और लाचार है. आतंकवादियों ने पिछले चार दिनों में रियासी, कठुआ और डोडा को दहला कर रख दिया.
बीते तीन दिनों में लगातार हुए हमलों में नौ तीर्थयात्रियों और एक सीआरपीएफ (CRPF) जवान की मौत हुई. इन हमलों में सात सुरक्षाकर्मी और कई अन्य घायल भी हुए थे. इस बीच अब तीन दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के बिगड़ चुके हालात को लेकर समीक्षा बैठक बुलाई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की.
पीएम मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह से बात कर इन क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की और तैनाती और आंतकवादियों के खिलाफ अभियान पर चर्चा की. इसके साथ ही, मोदी ने जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा से भी बात की. सिन्हा ने प्रधानमंत्री को स्थानीय प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी.
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में आतंकी हमलों की शुरुआत रविवार (9 जून) को हुई, जब आतंकवादियों ने रियासी में तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर हमला किया, जिससे बस सड़क से उतरकर गहरी खाई में गिर गई, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई और 41 घायल हो गए. इसके दो दिन बाद आतंकवादियों ने डोडा में एक सिक्योरिटी चौकी पर हमला किया, जिसमें छह सुरक्षाकर्मी घायल हो गए.
उसी रात कठुआ जिले में एक अन्य मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक जवान और एक आतंकवादी मारा गया. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा है कि रियासी में हुए हमले के पीछे आतंकवादी ग्रुप लश्कर-ए-तैयबा का हाथ हो सकता है.
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