बिहार (Bihar) के सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. इस बात को लेकर बहस तेज हो गई है कि बिहार में खेला होगा या नहीं ? गौरतलब है कि 12 फरवरी यानी सोमवार को नीतीश कुमार की नेतृत्व वाली एनडीए (NDA ) सरकार को अपना बहुमत साबित करना है. ऐसे में सोमवार को विधानसभा में फ़्लोर टेस्ट होना है. इससे पहले ‘ऑपरेशन लोटस’ और ‘ऑपरेशन लालटेन’ को लेकर अटकलें तेज़ हो गई हैं.
अपने-अपने विधायकों को एकजुट करने की कोशिश
फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस के बाद अब सत्ताधारी जदयू और भाजपा दोनों अपने-अपने विधायकों को एकजुट करने में जुट गई है. इसी रणनीति के तहत जदयू ने फ्लोर टेस्ट से दो दिन पहले अपने सभी विधायकों को पटना बुलाया है. बिहार सरकार में मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर जेडीयू के विधायकों के लिए भोज का आयोजन हुआ, जिसमें सीएम नीतीश कुमार भी शामिल हुए. हालांकि सीएम वहां 5 मिनट रुके फिर निकल गए.
भोज में नहीं पहुंचे 6 विधायक
मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस भोज में 6 विधायक नहीं पहुंचे. जिनमें डॉ. संजीव, गूंजेश्वर शाह,बीमा भारती, दिलीप राय, शालिनी मिश्रा और सुदर्शन कुमार शामिल हैं. वहीं भोज खत्म होने के बाद गोपाल मंडल श्रवण कुमार के आवास पहुंचे. जिसके बाद खबर उड़ने लगी कि नीतीश खेमे में सब कुछ है. ऐसे में फ़्लोर टेस्ट में एनडीए सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
बीजेपी विधायक भी गायब
उधर बीजेपी अपने विधायकों को एकजुट करने के लिए गया ले गई है, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गया में पार्टी का प्रशिक्षण शिविर है. लेकिन यहां भी 78 में सिर्फ 68 विधायक पहुंचे हैं, जबकि दस विधायक नहीं पहुंचे हैं. ऐसे में खेला होने की संभावना प्रबल होती दिख रही है.
मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक, फ़िलहाल बीजेपी के 78, जेडीयू के 45 और जीतन राम मांझी की पार्टी हम (सेक्युलर) के 4 विधायकों का समर्थन नीतीश सरकार के पास है. यानी 243 सीटों की बिहार विधान सभा में नीतीश के पास स्पष्ट बहुमत दिखता है. लेकिन अगर आरजेडी (RJD ) इसमें सेंधमारी करने में सफल हो जाती है तो नीतीश सरकार की मुश्किलें बढ़ जाएंगी