Randeep Surjewala

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Randeep Surjewala Press Conference: कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शुक्रवार (5 जुलाई) को प्रेस कॉन्फ्रेस कर सेल फोन दरें बढ़ने को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा. सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने देश के 109 करोड़ सेल फोन यूजर्स पर सालाना 34,824 करोड़ रुपए का बोझ डाल दिया है. उन्होंने कहा कि 3 जुलाई, 2024 से इस देश में सेल फोन की दरें बढ़ा दी गईं. देश के 109 करोड़ सेल फोन यूजर्स रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन का सेल फोन इस्तेमाल करते हैं.

हिंदुस्तान के सेल फोन मार्केट में सिर्फ तीन ऑपरेटर

रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हिंदुस्तान के सेल फोन मार्केट में सिर्फ तीन सेल फोन ऑपरेटर हैं. रिलांयस जियो (48 करोड़ यूजर्स), एयरटेल (39 करोड़ यूजर्स) और वोडाफोन आइडिया (22 करोड़ 37 लाख यूजर्स). ट्राई की एक रिपोर्ट के अनुसार सेल फोन कंपनियां अपने हर सेल फोन कस्टमर से 152.55 पैसे प्रति माह कमाती हैं.

उन्होंने (Randeep Surjewala) आगे कहा की 27 जून को रिलायंस जियो ने अपने रेट 12% से 27% बढ़ा दिए. 28 जून को एयरटेल ने अपने रेट 11% से 21% बढ़ा दिए. 29 जून को वोडाफोन आइडिया ने भी अपने रेट 10% से 24% बढ़ा दिए. साफ है कि तीनों कंपनियों ने सलाह कर सिर्फ 72 घंटे में सेलफोन चार्जेस बढ़ाने की घोषणा की.

सालाना करोड़ों रुपयों की हुई बढ़त

कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर हम सेल फोन कंपनियों का औसत देखें तो पता चलेगा कि रिलायंस जिओ के हर यूजर पर 30.51 रुपए की बढ़त हुई है, यानी सालाना 17,568 करोड़ रुपए. एयरटेल के यूजर्स पर 22.88 रुपए की बढ़त हुई है, यानी सालाना- 10,704 करोड़ रुपए. वोडाफोन आइडिया के यूजर्स पर 24.40 रुपए की बढ़त हुई है, यानी सालाना- 6,552 करोड़ रुपए.

मोदी सरकार से पूछे 4 सवाल

सुरजेवाला ने मोदी सरकार से 5 गंभीर सवाल पूछे हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्या मोदी सरकार ने 109 करोड़ सेलफोन यूजर्स पर लगभग 35 हजार करोड़ रुपए का बोझ डालने से पहले कोई जांच की? क्या मोदी सरकार ने नीलामी के माध्यम से स्पेक्ट्रम की खरीद से होने वाले असर का कोई अध्यन किया? क्या मोदी सरकार ने Adjusted Gross Revenue (AGR) पर दी गई पिछली रियायतों का क्या असर होगा, इसका अध्यन किया?

उन्होंने यह भी सवाल किया कि ऐसा कैसे हो सकता है कि सभी सेल फोन कंपनियां अपना टैरिफ 15-20% बढ़ा दें, जबकि उनका इंवेस्टमेंट, कस्टमर बेस आदि सब अलग है. क्या ये सच नहीं कि सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार और TRAI को स्लीपिंग पार्टनर की तरह नहीं, जनता के लिए एक्टिव पार्टनर की तरह काम करने को कहा था?


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