Piest Laxmikant Dixit Die: अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले मुख्य पुजारी आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का शनिवार सुबह निधन हो गया. लक्ष्मीकांत का स्वास्थ्य पिछले कुछ दिनों से खराब चल रहा था. उन्होंने 86 साल की उम्र में वाराणसी में अंतिम सांस ली. परिवार के सदस्यों ने बताया कि 86 वर्षीय दीक्षित पिछले कुछ दिनों से ठीक नहीं थे. उनका अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा.
अयोध्या ने BJP को सिखाया है सबक
गौरतलब है कि इसी साल चुनाव से ठीक पहले 22 जनवरी को अयोध्या मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी. जिसमें देश की प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया है. बीजेपी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को चुनावी मंच बनाने का भरसक प्रयास किया है. ये बात और है कि हाल ही में संपन्न हुए लोक सभा चुनाव में बीजेपी को इसका बहुत लाभ नहीं हुआ. उल्टा राम मंदिर के नाम पर सियासत चमकाने वाली बीजेपी को अयोध्या की जनता ने सबक सिखा दिया और बीजेपी को फैजाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा.
देश के बड़े विद्वानों में होती थी गिनती
आचार्य दीक्षित की गिनती देश के वरिष्ठ विद्वानों में होती है. इतना ही नहीं लक्ष्मीकांत दीक्षित पूजा पद्धति में भी सिद्धहस्त माने जाते थे. लक्ष्मीकांत दीक्षित ने वेद और अनुष्ठानों की दीक्षा अपने चाचा गणेश दीक्षित भट्ट से ली थी. लक्ष्मीकांत दीक्षित मूल रूप से महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के रहने वाले थे, लेकिन कई पीढ़ियों से उनका परिवार काशी में रह रहा है. वे सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य थे. आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के निधन की खबर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख व्यक्त किया है.
लक्ष्मीकांत के बेटे सुनील दीक्षित ने पहले बताया था कि उनके पूर्वज पंडित गागा भट्ट ने ही 17वीं शताब्दी में छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक भी करवाया था.
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