Sandeshkhali Violence Truth

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Sandeshkhali Violence Truth: संदेशखाली हिंसा में एक बहुत बड़ा खुलासा हुआ है. टीएमसी नेताओं पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली तीन महिलाओं में से एक महिला ने बुधवार, 8 मई को केस वापस ले लिया. महिला ने कहा कि उसके साथ कोई दुष्कर्म नहीं हुआ है और उसे कभी भी देर रात टीएमसी के दफ्तर जाने के लिए मजबूर नहीं किया गया. महिला ने आरोप लगाया कि बीजेपी सदस्यों ने उससे पहले एक खाली काजग पर साइन करवाए और फिर पुलिस से संपर्क किया. महिला ने बीजेपी पर उससे जबरन दुष्कर्म का केस दर्ज करवाने का संगीन आरोप लगाया है.

एक नई शिकायत हुई दर्ज

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केस वापस लेने वाली महिला ने कहा कि बीजेपी ने मुझसे कोरे कागजों पर साइन करने और दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराने का दबाव डाला था. महिला ने यह भी कहा है कि झूठे आरोप वापस लेने की वजह से अब उसे धमकियों और बीजेपी पदाधिकारियों द्वारा सामाजिक बहिस्कार का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि महिला ने इस मामले में संदेशखाली पुलिस स्टेशन में एक नई शिकायत भी दर्ज करवा दी है.

आवास योजना के बहाने कराए साइन

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, महिला ने कहा कि उसके घर पर स्थानीय बीजेपी महिला मोर्चा पदाधिकारी और पार्टी के अन्य सदस्य आए और एक फर्जी शिकायत पर साइन करने को कहा. उन्होंने आवास योजना में मेरा नाम जोड़ने के बहाने मुझसे हस्ताक्षर मांगे. बाद में वे मुझे पुलिस स्टेशन ले गए, जहां मुझे दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराने को कहा गया. महिला ने कहा है कि हम असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और अब पुलिस ने मदद मांगी है.

बीजेपी नेता का स्टिंग ऑपरेशन वायरल

वहीं इस बीच एक स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो (Sandeshkhali Violence Truth) भी सामने आया है, जिसमें बीजेपी नेता कहता दिखाई दे रहा है कि संदेशखाली में महिलाओं के साथ कोई दुष्कर्म नहीं हुआ है. वायरल वीडियो में गंगाधर कोयल नाम का बीजेपी मंडल (बूथ) अध्यक्ष कहता है कि संदेशखाली की महिलाओं के साथ यौन शोषण नहीं हुआ था. उन्हें विपक्ष के नेता के आदेश पर ‘दुष्कर्म’ पीड़िता के तौर पर आगे किया गया.


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