Shankaracharya Controversy

‘नेता धर्म के मामले में हस्तक्षेप न करें हम राजनीति पर नहीं बोलेंगे’

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Shankaracharya Controversy: केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर लगी सोने की प्लेटों को लेकर राजनीति गरमाई हुई है. महाराष्ट्र में ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के बयान के बाद दिल्ली से लेकर उत्तराखण्ड तक इस मामले की चर्चा हो रही है. दरअसल, दिल्ली में बनने वाले केदारनाथ मंदिर की खबरों पर सवाल उठाते हुए ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य (Shankaracharya Controversy) ने आरोप लगाया था, “केदारनाथ में सोना घोटाला हुआ है, उस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया जाता? वहां घोटाला करने के बाद अब दिल्ली में केदारनाथ बनेगा? और फिर एक और घोटाला होगा. केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब है… कोई जांच शुरू नहीं हुई है. इसके लिए कौन जिम्मेदार है?… अब वे कह रहे हैं कि दिल्ली में केदारनाथ बनाएंगे, ऐसा नहीं हो सकता.”

नेता धर्म पर न बोलें, हम भी…

वहीं, इसके बाद अब उनका एक और बयान चर्चा का विषय बना हुआ है. कांग्रेस पार्टी की सोशल मीडिया हेड सुप्रिया श्रीनेत ने शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Shankaracharya Controversy) का एक वीडियो एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर किया है. जिसमें वे कह रहे हैं कि राजनीति के लोग धर्म में हस्तक्षेप बंद करें. हम राजनीति में बोलना भी बंद कर देंगे.

Tripura Violence पर सुप्रिया श्रीनेत का पोस्ट

शंकराचार्य (Shankaracharya Controversy) ने कहा, “हम सन्यासी हैं पोलिटिकल बयान नहीं देना चाहिए, बिल्कुल सही एकदम सही हैं हम हम इस सिद्धांत के हैं लेकिन पोलिटिकल वाले को भी तो धर्म के मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. पीएम मोदी अगर मंदिर में आके धर्म स्थापना करने लगे तो आप लोग उसको एकदम लाइव दिखा और अगर शंकराचार्य मंदिर के बारे में धर्म के बारे में कुछ बोलते तो आप कहो कि संन्यासी को नहीं करना चाहिए. राजनीति के लोग धर्म में हस्तक्षेप बंद करे, हम गारंटी दे रहे हैं कि हम राजनीति में बोलना बंद कर देंगे. लेकिन आप हमारे धर्म में निरंतर हस्तक्षेप करते चले जा रहे हो और हम धर्म के बारे में ना बोले.”

उन्होंने आगे कहा कि “जो राजनीतिज्ञ हैं क्या उनके जीवन में अगर जो धर्म है उसका पालन उनको नहीं करना चाहिए? क्या हमको एक कर्मचारी के रूप में किसी को सच्चा हिंदू तो नहीं बताना चाहिए? क्या हमको विश्वासघात जैसा जो पाप है उसके बारे में लोगों को, जनता को सचेत नहीं करना चाहिए? अगर तुम धार्मिक हो तो तुमको किसी के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहिए, ये बात हमको नहीं करनी चाहिए. हमने कोई राजनीति की बात नहीं कही. हमने धर्म की बात कही है क्यों? क्योंकि केवल हम हिन्दू है, हिन्दू है, कह देने से नहीं होगा.”

उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हुआ

ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य (Shankaracharya Controversy) उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे अनंत और राधिका मर्चेंट की शादी के बाद उन्हें आशीर्वाद देने मुंबई गए थे. इस दौरान शंकराचार्य राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निमंत्रण पर उनके घर भी गए. जिसके बाद उन्होंने मीडियो से बात करते हुए कहा था, “हमारा दुख तब तक नहीं जाएगा जब तक वह दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन जाते हैं किसका हिंदुत्व असली है, ये जानना पड़ेगा. जो विश्वासघात करे वो हिंदू नहीं हो सकता है. जो विश्वासघात सह ले वो तो हिंदू होगा क्योकि उसके साथ विश्वासघात हुआ है. जिन लोगों ने विश्वासघात किया है, वो कैसे हिंदू हो सकते हैं. जब तक आप पुन: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान नहीं हो जाते, तब तक हम लोगों के मन की पीड़ा दूर नहीं होगी.”

PM मोदी हमारे हितैषी :

इसके अलावा शंकराचार्य (Shankaracharya Controversy) ने पीएम मोदी से मुलाकात को लेकर कहा था, “PM नरेंद्र मोदी हमारे दुश्मन नहीं है वह हमारे हितैषी है. सदा हम उनकी हित की बात करते हैं. अगर उनसे कोई गलती हो जाती है तो उसे भी हम कहते हैं कि आप से यह गलती हो रही है. बता दें कि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल खड़े किए थे”


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