Lok Sabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनावी रैलियों के दौरान लगातार भगवान राम, राम मंदिर और धर्म के नाम पर वोट मांगे गए. देश में अनेकों धार्मिक स्थल ऐसे हैं, जहां से भगवान राम का किसी न किसी रुप से कोई न कोई रिश्ता रहा है, लेकिन भगवान राम के नाम पर जनता से वोट मांगने वाली भारतीय जनता पार्टी को इन जगहों पर हार का मुंह देखना पड़ा है. आइए आपको उन धार्मिक स्थलों के बारे में बताते हैं जहां इस बार बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा.
बीजेपी को लोकसभा चुनाव-2024 में भगवान राम से जुड़े जिन धार्मिक स्थलों पर हार मिली, उनमें सबसे बड़ा नाम अयोध्या है. यहां पर इसी साल जनवरी के महीनें में राम मंदिर का उद्घाटन और भगवान रामलला की प्राण प्रतीष्ठा की गई. उस समय लगा कि इस बार के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद (अब अयोध्या) सीट से बीजेपी की जीत पक्की है.उसे यहां से केोई नहीं हरा सकता, लेकिन जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आए तो यूपी में सबसे बड़ा उलटफेर देखने को मिला बीजेपी प्रदेश में आधी सीटों सिमट गई. वहीं अयोध्या की बात करें तो ये सीट भी सपा ने बीजेपी से छीन ली.
लल्लू सिंह फैजाबाद से हारे
फैजाबाद सीट से इस बार भी बीजेपी ने मौजूदा सांसद लल्लू सिंह पर विश्वास जताया था, लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. लल्लू सिंह को समाजवादी पार्टी के उमीदवार अवधेश प्रताप सिंह से हार मिली.इसी तरह चित्रकूट में भगवान राम ने अपने वनवास के 11 साल बिताए थे.यहां की चित्रकूट-बांदा लोकसभा सीट पर भी बीजेपी को हार मिली. यहां बीजेपी ने सीटिंग सांसद आरके सिंह पटेल को अपना प्रत्याशी बनाया था. वो सपा उमीदवार कृष्णा शिवशंकर पटेल चुनाव हार गए.
सितापुर में भी हारी बीजोपी
इसी तरह बीजेपी को माता जानकी के धार्मिक स्थल सितापुर में भी हार मिली. यहां के बीजेपी उमीदवार राजेश वर्मा को कांग्रेस प्रत्याशी राकेश राठौर ने हराया. वहीं बस्ती को भगवान राम के गुरू वशिष्ठ जी की भूमि माना जाता है. प्राचीन काल में बस्ती का नाम वैशीष्ठी नगर था. यहां भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. दो लोकसभा चुनावों से जीत हासिल करने वाले भारतीय जनता पार्टी के सांसद हरीश द्विवेदी को यहां से एक बार फिर मैदान में उतारा गया था. उन्हें समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार राम प्रसाद चौधरी से हार मिली.
इसी तरह सुल्तानपुर में भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा, जहां भगवान राम से जुड़ा धार्मिक स्थल है. बाजेपी की ओर से इस सीट पर लगातार दो बार से सांसद निर्वाचित हो रहीं मेनका गांधी मैदान में थीं, जिनको सपा से पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद से करारी शिक्सत मिली. भगवान राम से जुड़ी एक और जगह प्रयागराज, जहां भगवान जो वनवास के दौरान भगवान राम का महत्वपूर्ण पड़ाव स्थल रहा वहां भी बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा. प्रयागराज लोकसभा सीट पर कांग्रेस के उमीदवार उज्जवल रमण सिंह को जीत मिली, उन्होंने बीजेपी के नीरज त्रिपाठी को हराया.
भगवान राम की विश्राम स्थली में कांग्रेस जीती
नागपुर से महज 50 किमी दूर स्थित रामटेक पहाड़ियों के बीच बसा एक शहर है. इस बार रामटेक लोकसभा सीट पर कांग्रेस के रश्मि श्यामकुमार बर्वे को जीत मिली. माना जाता है कि रामटेक में अपने वनवास के दिनों में भगवान ने विश्राम किया था. रामटेक भगवान राम की विश्राम स्थली के रूप में जानी जाता है. वहीं नासिक में जहां लक्ष्मण जी ने राक्षसी और रावण की शूर्पणखा की नाक काटी, उस लोकसभा सीट पर शिवसेना यूबीटी कैंडिडेट राजाभाऊ वाजे ने एनडीए में सहयोगी शिवशेना शिंदे के प्रत्याशी हेमंत गोडसे को हरा दिया.
हनुमान की जन्मभूमि पर भी बीजेपी को मिली हार
भगवान राम के परम भक्त भगवान हनुमान की जन्मभूमि कर्नाटक का कोप्पल माना जाता है. इस बार बीजेपी ने इस सीट से बीजेपी ने बसवराज के.शरणप्पा को उमीदवार बनाया. उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी के. राजशेखर बसवराज हितनाल से हार मिली. इसी तरह रामेश्वरम जहां भगवान राम ने शिवलिंग की स्थापना की थी, वहां की रामनाथपुरम लोकसभा सीट से इंडियन मुस्लिम लीग के कानी के. नवासकनी को जीत हासिल हुई.
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