भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद एक-एक कर के पार्टी से गुजारिश कर रहे हैं कि उन्हें चुनावी कर्तव्यों से मुक्त कर दिया जाए. बीजेपी सांसद गौतम गंभीर के बाद अब सांसद जयंत सिन्हा ने भी पार्टी से गुजारिश की है कि उन्हें चुनावी कर्तव्यों से मुक्त कर दिया जाए. उन्होंने इस बारे में पार्टी चीफ जेपी नड्डा को अवगत कराया है और शनिवार (2 मार्च, 2024) को एक्स पर इससे जुड़ा एक पोस्ट भी किया है.
इससे पहले बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने राजनीति से दूरी बनाने का फैसला किया. इससे साफ है कि वह इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि वह क्रिकेट की वजह से अपनी रानजीतिक जिम्मेदारियों से आजाद होना चाहते हैं. उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से कर्तव्य मुक्त किए जाने की गुहार लगाई .
गौतम गंभीर ने शनिवार सुबह अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा, ‘मैंने माननीय पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा जी से अनुरोध किया है कि मुझे मेरे राजनीतिक कर्तव्यों से मुक्त करें ताकि मैं अपनी आगामी क्रिकेट प्रतिबद्धताओं पर ध्यान केंद्रित कर सकूं. मुझे लोगों की सेवा करने का अवसर देने के लिए मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और माननीय गृहमंत्री अमित शाह जी को हृदय से धन्यवाद देता हूं. जय हिन्द!’
राजनीतिक कर्तव्यों से मुक्त करें BJP: जयंत सिन्हा
अब बीजेपी के सांसद जयंत सिन्हा ने एक्स पर लिखा कि मैंने माननीय पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से अनुरोध किया है कि मुझे मेरे राजनीतिक कर्तव्यों से मुक्त करें ताकि मैं भारत और दुनिया भर में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने पर अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर सकूं. बेशक, मैं आर्थिक और शासन संबंधी मुद्दों पर पार्टी के साथ काम करना जारी रखूंगा.
जयंत सिन्हा ने आगे कहा कि मुझे पिछले दस वर्षों से भारत और हज़ारीबाग़ के लोगों की सेवा करने का सौभाग्य मिला है. इसके अलावा, मुझे प्रधानमंत्री द्वारा प्रदान किए गए कई अवसरों का भी आशीर्वाद मिला है. सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि बीजेपी जिन सांसदों का टिकट काट रही है, वह खुद ही कर्तव्य मुक्त होने की बात कर अपनी इज्जत बचा रहे हैं.
बीजेपी सांसदों को सता रहा हार का डर
वहीं कांग्रेस का कहना है कि अधिकांश बीजेपी सांसदों को पता है है कि वे अपने पार्टी के सिम्बल पर चुनाव हार सकते हैं.आम लोगों में भाजपा सरकार के प्रति नाराजगी है. किसान, नौजवान, बेरोजगार इस सरकार से त्रस्त हैं. ऐसे में इस चुनावी वैतरणी में नैया पार लगा पाना आसान नहीं है.