Ramdev In Supreme Court: भ्रामक विज्ञापनों से जुड़े मामले में योग गुरु रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. भले ही रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट से चौथी बार माफ़ी मांग ली है. लेकिन उनकी मुसीबत कम होती नहीं दिख रही. योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर बालकृष्ण ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उन्होंने अख़बारों में माफ़ीनामा छपवाया है.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद से सवाल किया कि कल के अख़बारों में छपे ये माफ़ीनामे क्या उतने ही बड़े थे, जितने उनके उत्पादों के विज्ञापन थे? कोर्ट ने माना कि रामदेव ने अख़बारों में छोटा सा माफीनामा छपवाया है. कोर्ट ने बड़े साइज का माफीनामा छपवाने को कहा है. इसके साथ ही रामदेव और बाल कृष्ण को अदालत ने 30 अप्रैल को फिर से पेश होने का आदेश दिया है.
बड़े साइज का विज्ञापन छपवाइए
सुनवाई के दौरान अदालत ने रामदेव को आदेश दिया कि वह बड़े साइज में पतंजलि माफीनामे का विज्ञापन फिर से जारी करें. अदालत की फटकार के दौरान रामदेव ने नया विज्ञापन छपवाने की बात सुप्रीम कोर्ट से कही थी, जिसकी अदालत ने मंजूरी दे दी.
जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस एहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच पतंजलि आयुर्वेद, इसके मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण और सह-संस्थापक रामदेव के ख़िलाफ़ भ्रामक विज्ञापनों से जुड़े केस की सुनवाई कर रही है. पिछली सुनवाई में रामदेव और बालकृष्ण दोनों ने सुप्रीम कोर्ट से माफ़ी मांगी थी और सार्वजनिक रूप से माफ़ीनामा छापने का भी प्रस्ताव दिया था.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, रामदेव और बालकृष्ण की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि सोमवार को 67 अख़बारों में माफ़ीनामा छपवाया गया था. इस मामले की अगली सुनवाई 30 अप्रैल तक के लिए टल गई है.
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