TDP LokSabha Speaker: लोकसभा चुनाव में एनडीए की जीत के बाद नरेंद्र मोदी ने रविवार (10 जून) को 71 सदस्यीय मंत्रिमंडल के साथ प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली. इस चुनाव में बीजेपी अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा हासिल करने में नाकाम रही है. यही वजह है कि अब बीजेपी अपने दो सहयोगी टीडीपी और जनता दल (यूनाइटेड) पर निर्भर है.
शपथ ग्रहण के बाद देश भर की निगाहें मंत्रालय की लिस्ट पर हैं. लेंकिन इस बार लिस्ट जारी करने में देरी हो रही है. वजह साफ है कि इस बार पीएम मोदी की मनमर्जी नहीं चल पा रही है. टीडीपी (TDP) और जेडीयू दोनों ही दलों ने अपनी-अपनी डिमांड रखी दी है. जिसे पूरा कर पाना बीजेपी के लिए चुनौतीपूर्ण हो रहा है.
लोकसभा स्पीकर पद के लिए अड़ गया TDP
सूत्रों की माने तो टीडीपी लोकसभा स्पीकर पद के लिए अड़ गया है. ऐसे में मान मनौल का दौर जारी है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि बीजेपी सहयोगी दलों को स्पीकर पद देने को तैयार नहीं है. टीडीपी ने साल 1998 की तरह स्पीकर पद की डिमांड की है. 1998 में भी यह पॉवरफुल पद वाजपेयी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में टीडीपी के पास था. हालांकि इस बार पीएम मोदी स्पीकर पद टीडीपी को नहीं सौंपना चाहते हैं. उधर, जेडीयू 3 मंत्रालयों की मांग कर रहा है. साथ ही केंद्र सरकार के कई स्किम पर समीक्षा की मांग कर रहा है.
स्पीकर का पद ही क्यों
मालूम हो कि लोकसभा स्पीकर का पद बहुत ही पावरफुल होता है. स्पीकर का फैसला काफी मायने रखता है. साल 2014 में सुमित्रा महाजन और 2019 में ओम बिरला को बीजेपी ने स्पीकर बनाया था. लेकिन अब बीजेपी के पास पूर्ण बहुमत नहीं है, ऐसे में उसे सहयोगी दलों पर निर्भर रहना होगा. मीडिया रिपोर्ट की माने तो अगर बीजेपी ने टीडीपी की डिमांड पूरी नहीं तो तो NDA गठबंधन बिखर सकता है.
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी रविवार को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री की शपथ ली. मोदी के साथ ही 71 मंत्रियों ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली. इनमें 30 कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार और 36 राज्यमंत्री हैं.