Gujrat

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गुजरात में आत्महत्या का आंकड़ा चौंकाने वाला है. गुजरात सरकार ने हाल ही में विधानसभा में यह जानकारी दी कि पिछले तीन साल में करीब 25 हजार लोगों ने सुसाइड किया है. इस मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि गुजरात में पिछले तीन वित्त वर्ष में 25,478 लोगों ने आत्महत्या की है, जो राज्य की भाजपा सरकार की व्यवस्थागत विफलता को दर्शाता है.

आत्महत्या करने वालों में 495 छात्र शामिल

कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा है कि गुजरात सरकार द्वारा राज्य में बढ़ती हुई आत्महत्या दरों पर प्रस्तुत आंकड़े बेहद परेशान करने वाले है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है. राज्य विधानसभा में प्रस्तुत आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन वित्तीय वर्षों में, 495 छात्रों सहित 25,478 व्यक्तियों ने दुखद रूप से अपना जीवन समाप्त कर लिया है.

उन्होंने आगे कहा कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इन दुखद घटनाओं के पीछे मुख्यतः मानसिक स्वास्थ्य सम्बंधित बीमारियाँ, गंभीर शारीरिक बीमारियाँ, पारिवारिक समस्याएं, वित्तीय संकट और परीक्षाओं में असफल होने जैसे कारण शामिल हैं. यह गंभीर वास्तविकता गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की उन जटिल सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने में विफलता को रेखांकित करती है, जिनसे हमारे नागरिक जूझ रहे हैं.

गौरतलब है कि गुजरात सरकार ने विधानसभा को सूचित किया है कि पिछले तीन वित्त वर्ष के दौरान राज्य में विभिन्न वजहों से 25,000 से अधिक लोगों ने आत्महत्या कर ली, जिनमें से करीब 500 विद्यार्थी थे. आत्महत्या के सबसे अधिक (3,280) मामले अहमदाबाद शहर में दर्ज किये गये जबकि सूरत शहर में 2,862 और राजकोट शहर में 1,287 मामले दर्ज किये गये. अब ऐसे में ये आंकड़े बेहद चौंका देने वाले हैं.

कांग्रेस ने गुजरात सरकार से की ख़ास अपील

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि गुजरात में आत्महत्या की बढ़ती दर भाजपा सरकार की प्रणालीगत विफलता को दर्शाती है. कांग्रेस सरकार से अपने नागरिकों की भलाई को प्राथमिकता देने और इस खतरनाक संकट में योगदान देने वाले अंतर्निहित मुद्दों के समाधान के लिए तत्काल, ठोस कार्रवाई करने का आग्रह करता है.

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