Keshav Maurya on Yogi

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Keshav Maurya on Yogi: उत्तर प्रदेश विरोध प्रदर्शन का गढ़ बन गया है. योगी सरकार की नीतियों को लगातार सुबे में विरोध हो रहा है. यहां तक कि उनके खुद के कैबिनेट के मंत्री भी CM योगी की नीतियों का विरोध करते आए हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Maurya on Yogi) के बीच कई बार मनमुटाव की खबरें आई हैं, साथ ही लेकिन केशव प्रसाद मौर्य हर बार फ्रंट फुट पर बैटिंग करते नजर आए हैं.

छात्र का भविष्य अंधकार में न रहे: केशव मौर्य

दरअसल, प्रयागराज में 20 हजार छात्र लोक सेवा आयोग कार्यालय (UPPSC) के सामने धरने पर बैठे हैं. जिसको लेकर प्रदेश में सियासत भी गरमा गई है. साथ ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बाद डिप्टी CM केशव मौर्य (Keshav Maurya on Yogi) भी छात्रों के समर्थन में उतर आए हैं. उन्होंने कहा है कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में नहीं, बल्कि उनकी तैयारी में लगे. न्यायालय में लंबित मामलों का भी शीघ्र समाधान निकाला जाए ताकि किसी छात्र का भविष्य अंधकार में न रहे.

बता दें कि केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Maurya on Yogi) ने CM योगी के फैसलों का विरोध करते आए हैं. साथ ही दोनों में मनमुटाव भी कई बार देखा जा चुका है. यह पहला मुद्दा नहीं है जब डिप्टी CM केशव मौर्य (Keshav Maurya on Yogi) ने सीएम योगी पर सवाल उठाए हैं. इससे पहले भी उन्होंने कैबिनेट की बैठक के बाद कुंभ को लेकर प्रयागराज में हुई मीटिंग से भी दूरी ली थी और फिर अपनी सरकार से सवाल पूछने लगे हैं. केशव प्रसाद मौर्य ने अपनी ही योगी सरकार को पत्र लिखकर पूछा था कि संविदा और आउटसोर्सिंग से होने वाली भर्तियों में आरक्षण के नियमों का पालन कितना किया गया है?

केशव मौर्य ने अपनी ही सरकार पर बोला हमला

अब छात्रों के मुद्दे पर डिप्टी CM केशव मौर्य (Keshav Maurya on Yogi) ने अपने ही सरकार को घेरते हुए कहा, “यूपी पीसीएस परीक्षा में एक से अधिक दिन की परीक्षा, निजी संस्थानों को केंद्र न बनाने और मानकीकरण प्रक्रिया को लेकर छात्रों की चिंताएं गंभीर और महत्वपूर्ण हैं. छात्रों की मांग है कि परीक्षाएं पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी हों, ताकि उनकी मेहनत का सम्मान हो और भविष्य सुरक्षित रहे.”

उन्होंने आगे कहा, “सभी सक्षम अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और शीघ्र समाधान निकालें. यह सुनिश्चित करें कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में नहीं, बल्कि उनकी तैयारी में लगे. न्यायालय में लंबित मामलों का भी शीघ्र समाधान निकाला जाए ताकि किसी छात्र का भविष्य अंधकार में न रहे.

भाजपा के पतन में ही छात्रों का उत्थान: अखिलेश

इधर, डिप्टी CM केशव मौर्य (Keshav Maurya on Yogi) के बाद अखिलेश यादव ने कहा, “योगी बनाम प्रतियोगी छात्र जैसा माहौल है. भाजपा के पतन में ही छात्रों का उत्थान है. भाजपा और नौकरी में विरोधाभासी संबंध है. जब भाजपा जाएगी, तभी नौकरी आएगी. अब क्या भाजपा सरकार छात्रों के हॉस्टल या लॉज पर बुलडोजर चलाएगी. बता दें कि प्रयागराज में विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि आयोग से 41 जिलों में पीसीएस प्री 2024 आयोजित कर रहा है इसे प्रदेश के सभी 75 जिलों में आयोजित किया जाना चाहिए ताकि एक दिन में एक शिफ्ट में परीक्षा कराई जा सके इससे आयोग को नॉर्मलाइजेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी.

UP लोक सेवा आयोग ने 7-8 दिसंबर को UPPCS प्री 2024 कराना प्रस्तावित किया है जबकि आर ओ व ए आर ओ 2023 प्रारंभिक परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को करने का प्रस्ताव रखा गया है. प्रतियोगी छात्र दोनों ही परीक्षाएं एक दिन एक शिफ्ट में कराए जाने की मांग कर रहे हैं इसके अलावा नॉर्मलाइजेशन कभी विरोध कर रहे हैं. हालांकि आयोग की ओर से अभी तक प्रतियोगी छात्रों को कोई आश्वासन नहीं मिला है.


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