Police Custody Death: यूपी में पुलिस कस्टडी में होने वाली मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब ताजा मामला ग्रेटर नोएडा के बिसरख क्षेत्र की चिपयाना चौकी से जुड़ा है. जहां पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत होने की सूचना है. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मृतक युवक को लड़की भगाने के मामले में पुलिस पूछताछ के लिए लेकर आई थी. प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, दोपहर में उसको छोड़ दिया गया था. इसके बाद पुलिस रात में उसको दोबारा उठाया लाई. इससे तंग आकर युवक ने चिपियाना चौकी में आत्महत्या कर ली. पुलिस हिरासत में जिस युवक की मौत हुई है उसका नाम योगेश है. वह मूल रूप से अलीगढ़ का रहने वाला था और वर्तमान में चिपियाना में रहता था. वह निजी फैक्ट्री में नौकरी करता था.
पुलिस हिरासत में मौत के मामले में यूपी नंबर वन
गौरतलब है कि पुलिस हिरासत (Police Custody) में होने वाली मौत के मामले में यूपी नंबर वन पर काबिज है. उत्तर प्रदेश में 2021-22 में हिरासत में कुल 501 मौतें हुईं जबकि इससे पहले यानी 2020-21 में हिरासत में मौत के 451 मामले दर्ज किए गए. यूपी के बाद पश्चिम बंगाल और फिर मध्य प्रदेश का नंबर आता है.
हिरासत में मौत ‘जघन्य अपराध’
सुप्रीम कोर्ट ने साल 1996 में एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा था कि हिरासत में हुई मौत कानून के शासन में सबसे जघन्य अपराध है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद हिरासत में हुई मौतों का विवरण दर्ज करने के साथ-साथ संबंधित लोगों को इसकी जानकारी देना भी अनिवार्य बना दिया गया. यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी के दौरान पुलिस के व्यवहार को लेकर भी नियम निर्धारित कर दिए.
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