देश की जरूरत बने Rahul Gandhi, आतंकी हमले पर हर किसी के आंसू पोंछ रहे
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Rahul Gandhi: इस देश को नेता विपक्ष राहुल गांधी जैसे नेताओं की जरूरत है. क्योंकि जरुरत के वक्त पर सबसे पहले यही नेता मजबूती के साथ देश के साथ खड़ा रहता है. अब जब यह देश आतंकी हमले का दंश झेल रहा है, ऐसे में Rahul Gandhi राजनीतिक स्वार्थ से इतर पीड़ितों का ढाहस बढ़ा रहे हैं. हाल के दिनों ने राहुल राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के बजाय आतंकी हमले में जान गंवाने वालों के परिजनों से मिल रहे हैं.
पीड़ित परिवार से मिले राहुल गांधी
बुधवार यानी 30 अप्रैल को नेता विपक्ष Rahul Gandhi पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले शुभम द्विवेदी के परिवार से मिलने कानपुर पहुंचे, जहां पीड़ित परिवार से मिलने के बाद राहुल गांधी की आंखें नम हो गईं. शुभम के बिलखते मां बाप को देख राहुल गांधी भावुक हो गए. आप हमें न्याय दिला सकते हैं, आपसे ही हमें उम्मीद है. राहुल गांधी से यह कहते हुए शुभम के पिता बिलख पड़े. फिर राहुल गांधी ने जैसे तैसे शुभम के पिता का ढहास बढ़ाया.
पत्नी चाहती पति को मिले शहीद का दर्जा
उधर, आतंकी हमले में जान गंवाने वाली शुभम की पत्नी ऐशान्या का बुरा हाल था. अभी हफ्ते भर ही शादी को बीते थे, ऐसे में ऐशान्या का सुहाग उजड़ गया. आतंकियों के उनके सामने उनके पति का धर्म पूछ मार डाला, और अभागी ऐशान्या कुछ न कर सकी. ऐशान्या चाहती हैं कि उनके पति को शहीद का दर्जा मिले. यही बात उन्होंने बिलखते हुए Rahul Gandhi से भी कही. फिर Rahul Gandhi ने उन्हें भी भरोसा दिलाया.
राहुल गांधी ने दिया परिवार को भरोसा
शुभम के परिवार को भरोसा दिलाते हुए नेता विपक्ष ने कहा कि इस दुख की घड़ी में पूरा देश उनके साथ है. उन्हें सांत्वना दिया कि मैं आपके लिए पुरजोर तरीके से आवाज उठाऊंगा. शुभम के परिवार को से कहा कि हम चाहते हैं – जो लोग पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए हैं, उनके लिए एक विशेष संसद सत्र रखा जाए, जिसमें इस गंभीर मामले से जुड़ी चर्चा हो.
बता दें कि यह सब भरोसा दिलाने के बाद राहुल और नेताओं की तरह अपना वादा भूल नहीं गए, बल्कि कानपुर से दिल्ली लौटने के तुरंत बाद ही Rahul Gandhi ने शुभम के परिवार के लिए आवाज उठाई. प्रेस कांफ्रेंस किया. पूरे देश को बताया कि आज शुभम के परिवार पर क्या बीत रहा है. इससे पहले राहुल गांधी पहलगाम पहुंचे थे, जहां उन्होंने घायलों का हाल चाल जाना था. साथ ही राहुल गांधी ने खुलकर कह दिया है कि इस मुद्दे पर कांग्रेस कोई राजनीति नहीं करेगी और यही हुआ भी.
BJP कर रही आतंकी हमले पर राजनीति
एक तरफ जहां बीजेपी सरकार मृतकों का कार्टून बना घिनौनी राजनीती करती रही, दूसरी तरफ Rahul Gandhi पीड़ितों से मिलते रहे. और अब जब राहुल के सामने मोदी सरकार घुटने ऊपर आ गई है, तब भी राहुल कोई जश्न नहीं मना रहे हैं. उनके लिए आज भी जाति जनगणना और तमाम राजनीतिक मुद्दों से जरुरी पहलगाम में आये आतंकियों और उनके आकाओं को खत्म करना है. कुछ मिलकर जनता के लिए नेता ऐसा ही होना चाहिए, ऐसा नेता जो जनता के दुःख को अपना दुख सकते, हम मुसीबत में गरीब, मजबूर और पीड़ित के साथ खड़ा रहे. आसान शब्दों में इस देश को राहुल गांधी जैसे नेताओं की जरूरत है.
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