मोदी का मास्टरस्ट्रोक या मजबूरी? Rahul Gandhi की रणनीति काम आई!
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Rahul Gandhi: मोदी सरकार आखिरकार नेता विपक्ष Rahul Gandhi के आगे एक बार फिर झुकने को मजबूर हो गई है. दरअसल, मोदी सरकार अब देश में जातिगत जनगणना करने जा रही है. बुधवार यानी 30 अप्रैल को मोदी कैबिनेट में यह फैसला लिया गया. हालांकि, मोदी सरकार ने यह फैसला खुद से नहीं ले लिया है. सरकार को यह फैसला लेने के लिए मजबूत विपक्ष ने मजबूर किया है. विपक्ष के दबाव में सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का ऐलान किया है.
BJP ने कहा था जाति जनगणना पाप
Rahul Gandhi समेत पूरा विपक्ष लम्बे समय से जातिगत जनगणना को लेकर आवाज उठा रहा था. Rahul Gandhi ने संसद में ताल ठोककर कहा था कि मोदी जी, आप चाहे जो कर लें, आपको जाति जनगणना कराना ही पड़ेगा. तब यही बीजेपी कह रही थी कि जाति जनगणना पाप है, लेकिन अब इन लोगों को मजबूरन जाति जनगणना को मास्टस्ट्रोक बताना पड़ रहा है. मगर ये इतना आसान नहीं था, इसके लिए Rahul Gandhi ने बहुत कुछ दांव पर लगाकर इस सरकार की आंख में आंख डालकर उसे चुनौती दी थी.
BJP ने डराया लेकिन राहुल डटे रहे
बता दें कि Rahul Gandhi को सरकारी तंत्र के सहारे परेशान किया गया, BJP-RSS के लोगों ने उन पर पर्सनल अटैक किए, उनके ख़िलाफ़ दुष्प्रचार किया. मगर Rahul Gandhi बिना डरे, बिना झुके लड़ते रहें, और आज उनकी जीत हुई है. हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है जब इस देश के मजबूत विपक्ष ने मोदी सरकार को घुटने टेकने पर मजबूर किया है.
साल 2024 से पहले तक का दौर याद करिये, यही सरकार किस तरह की तानाशाह हुआ करती थी. तब मोदी सरकार एक बार कोई फरमान जारी कर देती थी तो क्या किसी की मजाल, जो इसपर सरकार को घेर दे, या उस फरमान को लागू करने से रोक दे. लेकिन 2024 के बाद से तो वक्त, हालात, जज्बात, सब बदल गए हैं. बार बार मोदी सरकार को यू टर्न मारना पड़ रहा है. तो चलिए आपको बताते हैं कि इस सरकार ने साल 2024 के बाद अब तक कितनी बार अपने ही फैसले पर यू टर्न मार लिया है.
लेटरल एंट्री
लेटरल एंट्री के जरिए नरेंद्र मोदी दलित, OBC, और आदिवासियों को आरक्षण के हक से वंचित रखना चाहते थे. लेकिन Rahul Gandhi समेत विपक्ष ने इसके खिलाफ आवाज उठाई और मोदी सरकार ने लेटरल भर्ती का फैसला रद्द कर दिया.
ब्रॉडकास्टिंग बिल
सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ बोलने वाली आवाजों को दबाने के लिए मोदी सरकार ने मानसून सत्र में ब्रॉडकास्ट बिल 2024 पेश किया. लेकिन विपक्ष के विरोध के चलते ये बिल वापस ले लिया गया.
LTCG टैक्स
बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मनमाने तरीके से इंडेक्सेशन खत्म करके लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स बढ़ाने का ऐलान किया. संसद में विरोध के बाद नरेंद्र मोदी को एक बार फिर झुकना पड़ा और अपना ये फैसला भी वापस लेना पड़ा.
NPS से UPS
गौरतलब, कर्मचारियों के हितों को देखते हुए कांग्रेस की सरकारों ने राज्य में ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल कर दी थी. लेकिन नरेंद्र मोदी NPS पर अड़े हुए थे. जैसे ही जनता ने 2024 के चुनाव में सबक सिखाया वो NPS की जगह UPS लाने को मजबूर हो गए.
इसके अलावा सरकार को अग्निवीर योजना में कई बड़े बदलाव करने का एलान करना पड़ा. जैसे मोदी सरकार ने आश्वासन दिया कि अग्निवीरों को छुट्टियों समेत कई दूसरी सुविधाएं भी अन्य सैनिकों की तरह ही दी जाएंगी.. इसके अलावा तकनीकी रूप से अधिक कुशल युवाओं की भर्ती को प्राथमिकता दिया जाएगा. ताकि अग्नि वीरों को सेना में बेहतर तरीके से शामिल किया जा सके. इसी साल मार्च में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अग्निवीर योजना में हो रहे बदलावों को लेकर ये खुलासे किए थे. सेना प्रमुख ने कहा था कि अग्निवीर योजना को और प्रभावी बनाने का काम चल रहा है. इसे कहते हैं एक मजबूत विपक्ष की ताकत.
यहां भी Rahul Gandhi लंबे समय से अग्निवीरों के हक की लड़ाई लड़ रहे थे. उनकी मांगों को लगातार उठा रहे थे. मोदी सरकार अग्निवीरों की एक भी बात सुनने की तैयार नहीं थी. लेकिन Rahul Gandhi के आगे उनकी एक नहीं चली. और उन्हें न चाहते हुए भी अग्निवीरों की मांगें सुननी पड़ी. और अब जातिगत जनगणना पर भी यही हुआ. यह सब देख साफ है कि इस बार विपक्ष मजबूत के आगे मोदी की मनमानी नहीं चल पा रही है. और अब वो दिन लद गए जब मोदी सरकार में फैसले वापस नहीं होते थे, अब फैसले वापस भी होते हैं और मोदी को माफी भी मांगनी पड़ती है.
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