UP Crime News: पुलिस कस्टडी में होने वाली मौतों के मामले में यूपी नंबर वन है. ये आंकड़ें यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करने के लिए काफी है. विपक्ष भी लगातार योगी सरकार को लॉ एंड आर्डर के मुद्दे पर घेरता रहता है लेकिन यूपी पुलिस से जुड़े मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. ताजा मामला यूपी के आगरा का है, जहां पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर दो भाइयों ने आत्महत्या कर ली है.
दरअसल, यूपी के आगरा में हाथरस पुलिस के उत्पीड़न से क्षुब्ध होकर 72 घंटे में 2 सगे भाइयों ने फांसी लगाकर जान दे दी. पहले छोटे भाई ने पेड़ में फंदा लगाकर सुसाइड किया. इसके बाद सोमवार दोपहर बड़े भाई ने भी वहीं लटक कर जान दे दी. बड़ा भाई होमगार्ड जवान था. होमगार्ड जवान की लाश करीब 4 घंटे तक फंदे से लटकी रही. उसके पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है.
रुपए मांग रहा था दरोगा
इसमें लिखा है, “भाई की मौत के बाद पुलिस वाले धमकी दे रहे थे. दरोगा रुपए मांग रहा था. पुलिस से पंगा लेना मेरी भूल थी, सरकार मेरे परिवार का ख्याल रखे. जय श्री राम…” होमगार्ड जवान ने हाथरस के सादाबाद पुलिस स्टेशन के कुछ अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. परिवार की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
क्या है पूरा मामला
मामला बरहन थाना क्षेत्र के रूपपुर गांव का है, जहां मृतक संजय सिंह को उसके बहनोई लक्ष्मण के गांव की एक महिला के साथ भाग जाने के बाद 9 जून को पुलिस ने हिरासत में लिया था, जबकि इनके बड़े भाई प्रमोद से 13 जून को पूछताछ की गई थी. उनके परिवार ने आरोप लगाया कि संजय को हिरासत में कुछ पुलिस अधिकारियों ने पीटा था और उन्होंने उनसे 1 लाख रुपये की मांग भी की थी.
पुलिस वाले कर रहे थे परेशान
जिसमें संजय ने दस हजार रुपये पुलिस को दे दी थी, वहीं उसे इस वादे के साथ रिहा कर दिया गया कि वह बाद में पुलिस वालों को ₹90,000 और देगा.मृतक के भतीजे ने आरोप लगाया कि आरोपी अधिकारियों द्वारा लगातार उत्पीड़न और पैसे की डिमांड से परेशान होकर, संजय ने 22 जून को आत्महत्या कर ली. संजय की मौत के बाद दोबारा पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर उनके बड़े भाई प्रमोद ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली.
पुलिसवालों के खिलाफ FIR की मांग कर रहे ग्रामीण
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों भाइयों की मौत के बाद गांव में तनाव की स्थिति है. प्रमोद के सुसाइड के बाद परिजन और ग्रामीण अड़े रह कि जब तक जिम्मेदार पुलिस वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं होगा, तब तक वो प्रमोद का शव नहीं उतारेंगे.
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