PM Modi
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PM Modi पहुंचे हुए हैं फ्रांस. जहां उन्होंने पेरिस में आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सम्मेलन में भाग लिया. पर अब वहां का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें देखा जा सकता है कि मोदी के अजीज दोस्त फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उनसे हाथ ही नहीं मिलाया.
कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से
ये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो
खैर, ये बात तो हो गई कि उनके साथ फ्रांस में क्या हुआ. पर अब पीएम मोदी फ्रांस से डायरेक्ट अमेरिका जायेंगे.
साहेब, यूं ही बे-सबब न फिरा कीजिए, कोई शाम तो घर में रहा कीजिए.
PM Modi के अमेरिका जाने पर मन में उठे सवाल
PM Modi जब अमेरिका जा ही रहे हैं अपने माय डियर दोस्त डोनाल्ड ट्रंप से मिलने तो लोगों के मन में कुछ सवाल है. क्या आप डोनाल्ड ट्रम्प से उन भारतीयों के साथ हुई ज़्यादती का मुद्दा उठायेंगे जिनको अमेरिका ने वापस भेजा है. वो भी जलील करते हुए, हाथ-पैरों को जंजीरों से बांधकर. जब आप ट्रंप से मिलेंगे तो क्या देश के लोग आपसे उम्मीद कर सकते हैं कि आप भारतीय नागरिकों के अपमान का मुद्दा उठायेंगे. क्योंकि जो तथ्य सामने आ रहे हैं, वो परेशान करने वाले हैं.
PM Modi के मंत्री जयशंकर जब मिले यूएस के विदेश मंत्री से
PM Modi, तमाम रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका ने भारत से 104 उन लोगों की सूची साझा की थी जिनको उन्होंने पहले राउंड में डिपोर्ट किया. भारत सरकार ने उनके भारतीय होने की पुष्टि की जिसके बाद उन्हें डिपोर्ट किया गया. उनके डिपोर्ट होने से पहले विदेश मंत्री जयशंकर अमेरिकी सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट मतलब वहाँ के विदेश मंत्री मार्को रूबियो से मिले थे.
क्या विदेश मंत्री जयशंकर ने मार्को रूबियो के सामने इस मुद्दे को उठाया था? क्या उनको पता था कि डिपोर्ट करते वक्त हमारे लोगों को बेड़ियों और हथकड़ियों से बांधा जाएगा? क्या उन्होंने इस अमानवीयता पर विरोध दर्ज किया था? क्या उन्होंने मार्को रूबियो को हिंदुस्तान से जहाज़ भेज कर अपने लोगों को वापस लाने का विकल्प दिया?
अब खबर है कि 483 और भारतीयों को यूएस वापस भेजेगा
PM Modi , अब खबर है कि 483 और भारतीयों को वापस भेजने के लिए चिन्हित कर लिया गया है, क्या अब विदेश मंत्री अपना विमान भेजने की बात अमेरिका से करेंगे? देखिए, देश में किसी भी आदमी को डीपोर्टेशन से शिकायत नहीं है. डीपोर्टेशन के तरीके से शिकायत है, क्योंकि वे भारत के लोग हैं. उनकी अपनी एक इज्जत है, जिसे अमेरिका ने ध्वस्त कर दिया. मोदी जी आपके लिए दो लाइन है अगर आप समझना चाहें तो समझ जाएंगे.
“ये ख़िज़ाँ की ज़र्द सी शाल में जो उदास पेड़ के पास है
ये तुम्हारे घर की बहार है उसे आँसुओं से हरा करो”
PM Modi क्या भारत के अपमान से पड़ता है फर्क?
PM Modi ने तो देश के लोगों को ऐसे ही छोड़ दिया है, आज क्या इज्जत रह गई है देश की. क्या आपको भी हिंदुस्तानियों के साथ हुई अमानवीयता पर गुस्सा आता है? क्या आपको कोई फ़र्क़ पड़ता है कि अपने लोगों को कितना प्रताड़ित किया गया? क्या आप अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से हिंदुस्तान के हित की बात करने का साहस जुटा पायेंगे?
देश के नागरिकों की इज्जत को लेकर आप ट्रंप को अपना 56 इंच का सीना दिखा पाएंगे. ट्रंप जो कर रहे हैं भारतीय नागरिकों के साथ. क्या वो पीएम मोदी को अच्छा लगता है, या फिर वे मजबूर हो गए हैं, और ऐसी कौन सी मजबूरी जो देश के प्रधानमंत्री के लिए देश से भी आगे है? ऐसी कौन सी मजबूरी जो देश के लोगों की इज्जत से भी आगे है?
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