Ajit Pawar Vs Sharad Pawar: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी दो हिस्सों में बंटने के बाद चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच जुबानी जंग चलती रहती है. हालांकि इन सब के बीच शरद पवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (19 मार्च, 2024) को शरद पवार गुट को लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के नाम ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार’ का उपयोग करने और पार्टी चिन्ह ‘तुरहा बजाते व्यक्ति’ का इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी.
चलती रहती है जुबानी जंग
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को आदेश दिया कि चिन्ह ‘तुरहा बजाता व्यक्ति’ किसी को आवंटित न किया जाए. कोर्ट के इस फैसले को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार गुट के लिए झटका माना जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट से सार्वजनिक नोटिस जारी करने को कहा कि एनसीपी का चुनाव चिन्ह ‘घड़ी’ विचाराधीन है.
अजित पवार ने हाल ही में बोला है हमला
गौरतलब है कि अभी हाल ही में अजित पवार ने कहा था कि शरद पवार को रिटायर होकर घर पर बैठ जाने चाहिए. अजित पवार की इस टिप्पणी पर उनके भाई ने कहा कि ऐसे व्यक्ति (शरद पवार) को संन्यास लेने और उनके घर पर रहने के लिए कहने का साहस कोई कैसे जुटा सकता है? मुझे ऐसे लोग पसंद नहीं है.
मालूम हो कि शरद पवार द्वारा स्थापित राकांपा पिछले साल जुलाई में तब विभाजित हो गई थी, जब अजित पवार और उनका समर्थन करने वाले विधायक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे. चुनाव आयोग ने बाद में अजित पवार के नेतृत्व वाली पार्टी को पार्टी का नाम ‘एनसीपी’ और चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ आवंटित किया था, जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को अब एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के नाम से जाना जाता है और उनके संगठन का प्रतीक ‘तुरहा बजाते व्यक्ति’ है.
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