मंगलवार (19 मार्च) को नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार से जवाब मांगा है. CAA पर जवाब देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी सरकार को 3 हफ्ते का समय दिया है. सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार ने चार हफ्ते का मोहलत मांगा है, लेकिन कोर्ट उन्हें तीन हफ्ते का समय देती है.
237 याचिकाएं हुईं दाखिल
बता दें कि सीएए को लेकर कुल 237 याचिकाएं दायर की गई थीं. याचिककर्ताओं की मांग थी कि सीएए पर रोक लगाया जाए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्टे लगाने से इंकार कर दिया. अब कोर्ट में मामले पर अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी.
सुनवाई के दौरान वकील कपिल सिब्बल ने कहा किसी को भी नागरिकता ना देने की गुहार लगाई है. अगली सुनवाई से पहले अगर नागरिकता दी जाती है तो हम दोबारा कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.
क्या है CAA?
मालूम हो कि 11 दिसंबर, 2019 को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) देश की संसद से पारित हुआ था. इस कानून के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बैद्ध और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. इसमें मुस्लिम समुदाय को लोग शामिल नहीं हैं.
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