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Education Budget: केंद्र में BJP नेतृत्व वाली मोदी सरकार आने के बाद लगातार शिक्षा बजट (Education Budget) कम हुआ है. मोदी सरकार 2014 से शिक्षा बजट (Education Budget) में कटौती करती आई है. NDA सरकार ने UPA के मुकाबले शिक्षा पर कुल बजट का औसतन 1.4% कम खर्च किया. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस को लेकर भाजपा-आरएसएस पर निशाना साधा है.
BJP-RSS शिक्षा क्षेत्र को खत्म करना चाहते
मल्लिकार्जुन खड़गे ने पने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, भाजपा-आरएसएस भारत के शिक्षा क्षेत्र को हज़ार कटौतियों से नष्ट करना चाहती है! उच्च शिक्षा के बजट में ₹9,600 करोड़ की भारी कटौती की गई है, अंतरिम बजट (Education Budget) में भी इसमें 16.38% की कटौती की गई है. आईआईटी और आईआईएम के बजट में लगातार दूसरे साल कटौती की गई है. यूजीसी के बजट में 61% की भारी कटौती की गई है.
मोदी सरकार ने इसकी शक्ति छीनी
उन्होंने कहा, यूजीसी एक वैधानिक निकाय है, और इसे देश में एकमात्र अनुदान देने वाली एजेंसी माना जाता था, लेकिन मोदी सरकार ने इसकी शक्ति छीन ली है, जिससे इसकी स्वायत्तता पर कुठाराघात हो रहा है! यूजीसी के ‘अनुदान’ देने के कामकाज को उच्च शिक्षा वित्तपोषण एजेंसी (HEFA) द्वारा हड़प लिया गया है – जो केनरा बैंक और शिक्षा मंत्रालय के बीच एक उपक्रम है.
एससी, एसटी, ओबीसी…..छात्रों की परेशानियां बढ़ेंगी
कांग्रेस नेता ने कहा, इससे न केवल कॉलेज और विश्वविद्यालय अधिक स्व-वित्तपोषित पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए बाध्य होंगे, बल्कि एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस छात्रों की वित्तीय परेशानियां भी बढ़ेंगी. मोदी सरकार का भारत की शिक्षा प्रणाली पर 5-आयामी हमला विश्वविद्यालयों पर नियंत्रण, स्वायत्त संस्थानों के फंड को रोकना, उनकी स्वायत्तता को कम करना, भाई-भतीजावाद के माध्यम से सार्वजनिक शिक्षा को नष्ट करना और युवाओं के साथ विश्वासघात के रूप में जारी है!
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