PM Modi

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PM Modi on India-China Dispute: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई महीनों बाद भारत में चीन की घुसपैठ पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. पीएम मोदी ने बुधवार (10 अप्रैल) को कहा कि हमें अपनी सीमाओं पर लंबे समय से चल रही स्थिति को तत्काल सुधारने की जरूरत है, ताकि हमारी द्विपक्षीय बातचीत में असामान्यता को पीछे छोड़ा जा सके. पीएम मोदी के इस बयान को कांग्रेस ने प्रभावहीन और कमजोर बताया है और कहा कि इससे चीन को और प्रोत्साहन मिलेगा.

क्या बोले पीएम मोदी?

अमेरिकी पत्रिका न्यूजवीक को दिए गए इंटरव्यू में पीएम मोदी (PM Modi on India-China Dispute) ने कहा कि हमें अपनी सीमाओं पर लंबे समय से चल रही स्थिति को तत्काल सुधारने की जरूरत है, ताकि हमारी द्विपक्षीय बातचीत में असामान्यता को पीछे छोड़ा जा सके. उन्होंने आगे कहा कि मुझे आशा है विश्वास है कि राजनयिक और सैन्य स्तरों पर सकारात्मक और रचनात्मक द्विपक्षीय जुड़ाव के माध्यम से हम अपनी सीमाओं पर शांति और स्थिरता बहाल करने और बनाए रखने में सक्षम होंगे.

जयराम रमेश ने कहा ‘कायर’

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कायरता की सारी हदें पार कर दी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के पास चीन को कड़ा संदेश देने का मौका था. लेकिन उनके प्रभावहीन और कमजोर रिस्पांस से चीन को भारतीय जमीन पर अपना दावा करने के लिए और अधिक प्रोत्साहन मिलने की आशंका है.

यह प्रतिक्रिया शर्मनाक

जयराम रमेश ने कहा कि चीन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया न केवल शर्मनाक है बल्कि हमारे शहीदों का अपमान भी है जिन्होंने हमारी सीमाओं की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया. प्रधानमंत्री को 19 जून, 2020 को नेशनल टेलीविजन पर दिए अपने बयान ‘ना कोई घुसा है, ना ही कोई घुस आया है’ और चीन के साथ सीमा की रक्षा करने में अपनी विफलताओं को छुपा कर देश को धोखा देने के लिए 140 करोड़ भारतीयों से माफी मांगनी चाहिए.


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