NDA Alliance: नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में लगातार तीसरी बार शपथ ली है. इस चुनाव में बीजेपी अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा नहीं पार कर पाई. ऐसे में अब बीजेपी अपने सहयोगी पार्टियों पर निर्भर है. यही वजह है कि NDA गठबंधन में तनाव की स्थिति दिख रही है.
एनसीपी के बाद अब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने एनडीए सरकार में स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य मंत्री मिलने पर नाराजगी जताई है. शिवसेना ने कहा कि पार्टी एक कैबिनेट की उम्मीद कर रही थी. इससे एक दिन पहले ही एनसीपी अजित पवार गुट ने भी राज्य मंत्री पद पर असहमति व्यक्त की थी.
कैबिनेट में जगह नहीं मिलने पर जताई नाराजगी
शिवसेना के मुख्य सचेतक श्रीरंग बार्ने ने नई मंत्रिपरिषद में अन्य एनडीए सहयोगियों के अनुपात का हवाला देते हुए कहा, “हम कैबिनेट में जगह मिलने की उम्मीद कर रहे थे.” उन्होंने आगे अपनी बात पूरी करते हुए कहा कि चिराग पासवान के पांच सांसद जीते, जीतन राम मांझी के एक, जेडीएस को दो सांसद चुने गए, फिर भी उन्हें एक-एक कैबिनेट मंत्रालय मिला. फिर 7 लोकसभा सीटें मिलने के बावजूद शिवसेना को सिर्फ एक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) क्यों मिला.
पुरानी सहयोगी होने के बाद भी ये हाल
उन्होंने आगे कहा कि शिवसेना बीजेपी की पुरानी सहयोगी है. ऐसे में कम से कम शिवसेना को एक कैबिनेट मंत्रालय मिलना चाहिए था. शिंदे गुट की शिवसेना की नाराजगी से पहले एनसीपी अजित गुट ने भी मंत्री पद नहीं मिलने के बाद अपनी नाराजगी जाहिर की थी. पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल का कहना था कि मैं पहले केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री था बावजूद इसके मुझे शपथग्रहण से पहले बताया गया कि हमारी पार्टी को स्वतंत्र प्रभार वाला एक राज्य मंत्री मिलेगा.
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