Shipping Corporation Of India: मोदी सरकार ने सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी को लगातार बेचने का काम किया है. इसी कड़ी में सरकार की एक और कंपनी बिकने जा रही है. अब पीएम मोदी ने शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SCI) में सरकार की हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है. इस बात की पुष्टि खुद एक सीनियर सरकारी अफसर ने की है.
सरकारी अफसर का दावा है कि एससीआई में सरकार की हिस्सेदारी बेचने की प्रतिक्रिया पहले ही पूरी हो गई होती. लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर इसमें देरी हो रही थी. ऐसे में अब जब चुनाव संपन्न हो चुका है तब सरकार ने एक बार फिर इस प्रक्रिया को तेज कर दिया है.
सरकारी अफसर ने की पुष्टि
सरकारी अफसर के मुताबिक, विनिवेश के लिए महाराष्ट्र सरकार की तरफ से स्टैंप ड्यूटी से छूट मिल गई है. अफसर ने कहा कि एससीआई के विनिवेश में अब देरी नहीं होगी. लोकसभा चुनावों की वजह से इसमें थोड़ी देर हुई थी. महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट पहले ही इस डीमर्जर को स्टैंप ड्यूटी से छूट दे चुकी है. अधिकारी के अनुसार, सरकार ने कंपनी की नॉन-कोर एसेट्स को अलग कंपनी शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लैंड एंड एसेट्स लिमिटेड में विभाजित कर दिया है.
पिछले साल से ही मंत्रालय कर रहा था तैयारी
फिलहाल एससीआई में सरकार की 63.75 प्रतिशत हिस्सेदारी है. अनुमान है कि शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SCI) में हिस्सेदारी बेचने से सरकार को करीब 3000 करोड़ रुपये मिलेंगे. एससीआई मिनिस्ट्री ऑफ पोर्ट्स, शिपिंग और वाटरेवज के तहत आती है. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने फरवरी 2023 में शिपिंग कॉरपोरेशन और एससीआईएलएएल के बीच व्यवस्था को मंजूरी दी थी.
उम्मीद की जा रही है कि शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को खरीदने के लिए वेदांता रिसोर्सेस, सेफ सी सर्विसेस, जेएम बैक्सी और मेघा इंजीनियरिंग शामिल हैं. हालांकि इस बारे में अभी आधिकारिक तौर पर ना तो इन कंपनियों की ओर से कुछ कहा गया है और ना ही वित्त मंत्रालय ने इसकी डिटेल्स दी हैं. बिक्री की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही सरकार इस कंपनी का मैनेजमेंट कंट्रोल प्राइवेट हाथों में दे देगी.
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