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BJP और RSS एक दूसरे की जान को उतारू हो गई है, क्योंकि बात बीजेपी के अगले अध्यक्ष के चुनाव को लेकर है. अब बात इतनी बढ गई है कि पीएम मोदी को आरएसएस के मुख्यालय जाना पड़ रहा है. \

वह RSS मुख्यालय इसलिए भी जा रहे हैं क्योंकि संघ की हाई-लेवल मीटिंग में योगी आदित्यनाथ के नाम का प्रस्ताव दिया गया है. पर इस बात से अमित शाह नाराज हो गए हैं, क्योंकि उन्हें तो योगी आदित्यनाथ पसंद ही नहीं हैं. हालत ये हो गई है कि पीएम बनने के बाद पहली बार 30 मार्च को मोदी RSS मुख्यालय पहुंचेंगे.

पार्टी अध्यक्ष को लेकर RSS और BJP में तकरार

आपको बता दें कि पार्टीलाइन की सोच है की उसे जेपी नड्डा जैसा कोई चरण चुंबक अध्यक्ष चाहिए. तो वहीं आरएसएस का मानना है कि पार्टी का अध्यक्ष वही हो जो उसका भरोसेमंद हो, जिसकी नीयत RSS की पद्धति और नीति पर चलने की हो. तो ऐसे में BJP और संघ के बीच ठन गई है.

कुछ दिनों पहले भी एक खबर आई थी कि पार्टी और संगठन के बीच नए अध्यक्ष के नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है, जिसके चलते मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को ही 40 दिन का एक्सटेंशन मिल गया था.

पीएम बनने के बाद पहली बार मोदी जा रहे हैं RSS मुख्यालय

पीएम मोदी, प्रधानमंत्री के पद से चिपकने के बाद पहली बार आरएसएस मुख्यालय जा रहे हैं. पर सवाल है कि नरेंद्र मोदी आठ साल की उम्र में ही आरएसएस से जुड़ गए थे. संघ के अलग-अलग पदों पर काम किया, संघ के प्रचारक भी रहे. लेकिन फिर भी आरएसएस मुख्यालय जाने में प्रधानमंत्री के तौर पर दो कार्यकाल पूरा कर लेने और तीसरे कार्यकाल के नौ महीने बीत जाने तक का इंतजार क्यों किया.


हम बताते हैं आपको, डर लगने लगा है मोदी को, क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले BJP और आरएसएस के बीच खूब खटपट हुआ था. जेपी नड्डा ने कह दिया था कि हम आरएसएस की विचारधारा के हिसाब से काम ही नहीं करते हैं. तो ऐसे में आरएसएस को ये सब बातें बुरी लग गई थीं.

RSS चाहती है कि पार्टी अध्यक्ष वही बने जो उसका वफादार हो

तो अब संघ चाहता है कि BJP की कमान ऐसे हाथ में जाए, जो RSS की पद्धति और नीति पर चलने वाला हो, नाकि उसे आंख दिखाने वाला. तो ऐसे में नाम जो आगे आ रहा है, वो है योगी आदित्यनाथ का, जिन्हें अमित शाह पसंद ही नहीं करते हैं और शाह ठहरे मोदी के खास, तो उन्हें इन सब बातों से दिक्कत होगी ही ना. साथ ही उन्हें ये भी डर सता रहा होगा कि कहीं आरएसएस उनसे नाराज हो गई तो जो पीएम की कुर्सी से चिपके हुए हैं, उन्हें हटा दिया जाएगा.

PM Modi के चलते संघ हो गया है परेशान

आपको बता दें कि आरएसएस व्यक्तिपूजा के खिलाफ है. मतलब की संघ से उपर कोई नहीं. ऐसे में संघ की चीफ ने क्या देखा.उन्होंने देखा होगा कि सबकुछ तो मोदी तक ही सिमट कर रह जा रहा है. ऐसे में क्या किया जाए, तो आरएसएस ने ठान लिया है कि इसबार BJP के अध्यक्ष के तौर पर आरएसएस का कोई आदमी होगा, नाकि जेपी नड्डा जैसा चरणचुंबक.

अब देखना होगा कि यह भिड़ंत कहां तक जाती है. अब देखना होगा कि मोदी 30 मार्च को जो आरएसएस मुख्यालय का दौरा करने वाले हैं, उससे BJP और संघ के बीच सामंजस्य बैठ पाता है या नहीं. अगर आप बात करेंगे इस वक्त की तो फिलहाल संघ और बीजेपी के बीच कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. तभी तो अभी तक में पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन होगा, इस बात पर दोनों के बीच सहमती नहीं बन पाई है.


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